नई दिल्ली। हर साल की तरह इस साल भी आज यानी 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है। जब बात महिला दिवस की हो और भारतीय महिला क्रिकेटर्स का जिक्र न हो ऐसा भला हो सकता है क्या। साल 2017 भारतीय महिला क्रिकेट के लिए बेहद शानदार रहा। पहले आईसीसी महिला वर्ल्डकप के फाइनल तक का सफर तय करना फिर साल 2018 का दक्षिण अफ्रीका में जीत से आगाज करना बेहद शानदार लम्हा रहा है।
महिला वर्ल्डकप के फाइनल में इंग्लैंड के हाथों मात्र 9 रनों की हार आज भी दर्द देती है लेकिन भारतीय महिलाओं के प्रदर्शन ने सभी का दिल जीतने का काम किया था। हालांकि इस महिला दिवस पर भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने अपनी महिला क्रिकेटर्स को बड़ा ईनाम दिया है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित क्रिकेट प्रशासकीय कमेटी (सीओए) ने क्रिकेटरों के नए कॉन्ट्रैक्ट की घोषणा कर दी है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने प्रेस रिलीज कर इसकी जानकारी दी। इसमें बोर्ड ने पहली बार महिलाओं के लिए एक तीसरी कैटेगरी 'सी' बनाई है। महिलाओं में 'ए' ग्रेड की खिलाड़ियों को 50 लाख रुपये, 'बी' को 30 लाख और 'सी' को 10 लाख रुपये मिलेंगे।
A कैटेगरी: मिताली राज, झूलन गोस्वामी, हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना।
B कैटेगरी: पूनम यादव, वेदा कृष्णमूर्ति, राजेश्वरी गायकवाड़, एकता बिष्ट, शिखा पांडे और दीप्ति शर्मा।
C कैटेगरी: मानसी जोशी, अनुजा पाटिल, मोना मेशराम, नुजहत परवीन, सुषमा वर्मा, पूनम राउत, जेमिमा रोड्रिग्स, पूजा वस्त्रकार और तान्या भाटिया।
यही नहीं घरेलू क्रिकेट खेल रहीं महिला क्रिकेटर्स की फीस भी 200 फीसदी बढ़ा दी गई है। खिलाड़ियों को यहां दो कैटेगरी 'प्लेइंग इलेवन' और 'रिजर्व' में रखा गया है। इसमें पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रति दिन के हिसाब से पैसे मिलेंगे। सीनियर्स कैटेगरी के 'प्लेइंग इलेवन' के खिलाड़ियों को 35 हजार रुपये तो 'रिजर्व' को 17,500 रुपये मिलेंगे। हालांकि पुरुषों के मुकाबले महिला क्रिकेटर्स की फीस में भारी अंतर अभी भी इस बात को साबित करता है कि महिला क्रिकेट को उतना तवज्जो नहीं मिलता जितना पुरुष क्रिकेट को मिलता है।
विश्व कप में उपविजेता रहने के बाद भी भारतीय महिला क्रिकेट ने टेलीविजन को कमाऊ खेलों की श्रेणी में ला दिया है। इसे महिला क्रिकेट की लोकप्रियता ही माने की इस साल उनके लिए भी आइपीएल के कुछ प्रदर्शन मैच खेले जाएंगे और जल्द ही महिला आइपीएल भी देखने को मिलेगा।