अभी भी हूं 100% फिट, चाहो तो करा लो टेस्ट
40 की उम्र में पहुंच चुके हरभजन सिंह को चयनकर्ता टीम में मौका न देने के पीछे उनकी बढ़ती उम्र और फिटनेस को कारण बताया है, इसको लेकर भज्जी ने चयनकर्ताओं पर निशाना साधा और खुला चैलेंज दे डाला। हरभजन सिंह का ने खुला चैलेंज देते हुए कहा कि चाहे तो वह आज भी किसी भी उम्र के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर के साथ उनका मुकाबला करवा सकते हैं, वह आज भी स्किल के मामले में किसी से कम नहीं हैं।
उन्होंने कहा, ' मैं अभी भी 100% फिट हूं, अगर आप उन युवा खिलाड़ियों से मेरी तुलना करना चाहते है तो आप जिसे सर्वश्रेष्ठ समझते है उसके साथ मेरा कौशल परीक्षण करवा लिजिए। आप उम्र के बारे में उस समय बात कर सकते है जब गेंद आपके पैरों के बीच से निकल जाए और आपके कंधो में जान ना रहे।'
बिना घरेलू क्रिकेट खेले कैसे करते हैं IPL में शानदार प्रदर्शन
घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया तो टीम इंडिया में भी कर सकता हूं
हरभजन सिंह से जब पूछा गया कि वह घरेलू क्रिकेट खेले बिना कैसे आईपीएल में इतना शानदार प्रदर्शन कर लेते हैं तो उन्होंने कहा कि उनके स्किल में अभी भी कोई कमी नहीं आई है।
उन्होंने कहा, 'मैं भारत के लिए कम से कम 800 दिन तक मैदान पर उतरा हूं। मैंने इतना कुछ हासिल किया है जिसमें किसी की सहानुभूति की जरूरत नहीं है। लेकिन हां, अगर कौशल की बात करें, तो आप किसी के साथ भी मेरा परीक्षण कर सकते है। मैं अभी भी तैयार हूं। हर किसी का अपना तरीका होता है। अगर किसी को लगता है कि उसके लिए मैच जरूरी है तो उसके लिए यह अच्छा है। मैंने जीतना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला है और अगर मैं नेट पर एक महीने में 2000 गेंद फेंकता हूं तो मेरे लिए यह काफी है।'
लॉकडाउन के चलते हुआ ज्यादा फिट
गौरतलब है कि जब हरभजन सिंह को यह बताया गया कि इस साल आईपीएल में अपना डेब्यू करने की तैयारी कर रहे रवि बिश्नोई और कार्तिक त्यागी जैसे खिलाड़ियों का जन्म उनके टेस्ट डेब्यू के बाद हुआ है तो वह हंसने लगे। उनका मानना है कि लॉकडाउन के चलते मुझे काफी आराम करने का मौका मिला है और अब वह पहले से ज्यादा फिट महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'ऐसा लग रहा है कि आप मुझे यह महसूस कराने की कोशिश कर रहे हैं कि मैं बहुत बूढ़ा हो गया हूं। लेकिन गंभीरता से बात करूं तो मैंने जब पदार्पण किया था तब मोहम्मद अजहरुद्दीन भारत के कप्तान थे। यह एक शानदार यात्रा रही है, उतार-चढ़ाव से भरी और मैं ईश्वर का आभारी हूं कि मैं दो दशकों तक अपने सपने को जी सका। आपको हमेशा लगता है कि अगर और मौका मिला होता तो आप और ज्यादा ख्याति हासिल कर सकते थे। जो मैं देश के लिए नहीं हासिल कर सका शायद वह मेरी किस्मत में था ही नहीं, पर वह एक दूसरा नजरिया होगा।'