पहली गेंद :
1977-78 में कैरी पैकर वल्र्ड सीरीज क्रिकेट के लिए कूकाबुरा ने बनाई थी पहली सफेद क्रिकेटबॉल कूकाबुरा फैक्ट्री में आज भी संभालकर रखी गई हैं वर्षो पुरानी सफेद क्रिकेट बॉल। इसमें दुनिया की सबसे पहली सफेद क्रिकेट बॉल (लाल रंग के घेरे में) भी शामिल है। इसी से कैरी पैकर वल्र्ड सीरीज क्रिकेट का पहला मुकाबला खेला गया था।
पक्षी के नाम पर गेंद का नाम:
असल में कूकाबुरा एक पक्षी का नाम है, जो आस्ट्रेलिया में पाया जाता है। इसी पक्षी के नाम पर कूकाबुरा कंपनी की स्थापना की गई, जो अब खेल के लिहाज़ से विश्व की सबसे बड़ी कंपनी बन चुकी है। कंपनी की स्थापना सन् 1890 में एल्फ्रेड थॉम्सन ने की थी।माना जाता है कि थॉम्सन एक दिन अपने घर पर बैठे थे। इसी दौरान उनके दिमाग में विचार आया क्यों न गेंद बनाने की कोई कंपनी स्टार्ट की जाये। अब उनके सामने समस्या थी कि इसका नाम क्या होगा? वह उसका जवाब ढू़ंढ ही रहे कि उन्हें अचानक आस्ट्रेलिया में पाए जाने वाले पक्षी कूकाबुरा का ख्याल आया।उन्होंने देर न करते हुए इसी के नाम पर कंपनी खोल दी और गेंद बनाना शुरु कर दिया।
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कैसे लेती है आकार:
अंतर्राष्ट्रीय किक्रेट खेल के लिए तैयार की जाने वाली कूकाबुरा गेंद को बेहद मजबूती और बड़ी सावधानी से बनाया जाता है। कूकाबुरा गेंद को बिल्कुल ठोस बनाने के लिए रेड लेदर और मजबूत धागे को प्रयोग में लाया जाता है। बीसीसीआई के वीडियो में पूरी कहानी देखिए।