ऐसे तय हुआ सफर
एजबेस्टन के जिस मैदान पर भारतीय टीम को रविवार के दिन इंग्लैंड के हाथों वर्ल्ड कप में पहली करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी उसी मैदान पर भारतीय टीम ने जुनूनी बांग्लादेशी टीम के सेमीफाइनल में पहुंचने के सपने पर पूर्ण विराम लगा दिया। टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए शानदार शुरुआत की और पहले विकेट के लिए रिकॉर्ड 180 रनों की साझेदारी की लेकिन बांग्लादेश को 315 रनों का लक्ष्य दे पाई। बांग्लादेश की ओर से शाकिब अल हसन और मोहम्मद सैफुद्दी ने फाइट बैक किया लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके। बांग्लादेश पर मिली जीत के साथ ही भारतीय टीम के ICC इवेंट के सेमीफाइनल में पहुंचने का सिक्सर लग गया।
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सेमीफाइनल का 'सिक्सर
टीम इंडिया, ICC के बड़े टूर्नामेंट में पिछले 6 सालों से शानदार प्रदर्शन करती आ रही है। साल 2013 में भारती टीम ने इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था। साल 2014 के टी-20 वर्ल्ड कप में भी टीम इंडिया फाइनल मुकाबले में पहुंची थी लेकिन श्रीलंका के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी थी। पिछले यानी 2015 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था और ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। टी-20 वर्ल्ड कप 2016 के सेमीफाइनल मुकाबले में भारत को विंडीज ने शिकस्त दी थी वहीं 2017 के चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान के हाथों हार मिली थी। अब भारतीय टीम ने छठे साल में वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफाइनल मुकाबले में अपनी जगह तय कर ली है।
मैन ऑफ द मैच की 'हैट्रिक'
टीम इंडिया को सेमीफ़ाइनल मुकाबले तक पहुंचाने में जिस खिलाड़ी की सबसे बड़ी भूमिका रही है वो हैं रोहित शर्मा। टीम इंडिया में हिटमैन के नाम से मशहूर रोहित ने मौजूदा वर्ल्ड कप में चार शतक जड़ दिए हैं। वर्ल्ड कप इतिहास के किसी एक संस्करण में रोहित दूसरे ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है। कुमार संगकारा ने 2015 वर्ल्ड कप में कुछ इसी तरह का करिश्मा किया था। रोहित को उनकी पारी के लिए इस वर्ल्ड कप में 3 बार मैन ऑफ द मैच अवार्ड से भी नवाजा गया है। उन्होंने सचिन तेंदुलकर की बराबरी कर ली है जिन्हें 2003 में 3 बार मैन ऑफ द मैच अवार्ड मिला था वहीं युवराज सिंह को 2011 वर्ल्ड कप में चार बार यह सम्मान मिला था