भारत दो चरणों में यह मैच हारा-
गौरतलब है कि भारत अंग्रजों के हाथों ये मैच 31 रनों से हार गया था। इंग्लैंड ने इस मैच में टॉस जीतकर भारत को गेंदबाजी करने का न्यौता दिया जिसके जवाब में भारतीय स्पिन गेंदबाजी इस बार कामयाब नहीं हो सकी और इंग्लिश बल्लेबाजों ने स्कोर बोर्ड पर 337 रनों का स्कोर टांग दिया। इस हार के बाद कमेंट्री बॉक्स में बैठे गांगुली ने कहा है कि भारत को अब कुछ समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत होगी। गांगुली ने बताया कि भारत दो चरणों में यह मैच हारा। इसमें पहला चरण तब आया जब रोहित-कोहली ने शुरुआती 10 ओवर में बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए बहुत धीमी बल्लेबाजी की।
हार का दूसरा चरण ये था-
गौरतलब है कि राहुल के जीरो पर आउट होने के बाद कोहली और रोहित ने अपार क्षमताएं होने के बावजूद शुरुआती स्तर पर क्रीज में समय गुजारने की रणनीति अपनाई थी जो बाद में मध्य ओवरों में भारत को बहुत भारी पड़ी और बल्लेबाजों पर जबरदस्त रन गति बनाए रखने का दबाव आ गया जिसका परिणाम अततः गैर समय विकेट गंवाकर टीम इंडिया को चुकाना पड़ा। इसमें खुद कोहली का विकेट भी शामिल है जो 66 रन बनाकर आउट हो गए थे। गांगुली ने बताया कि हार का दूसरा फेज तब आया जब अंतिम पांच ओवरों के खेल में धोनी और जाधव की जोड़ी ने धीमी बल्लेबाजी की।
धोनी-जाधव के वे सिंगल्स-
इस दौरान भारत को बहुत ही तेजी से रन करने की जरूरत थी लेकिन धोनी-जाधव की जोड़ी ने बहुत ही कूल अंदाज में एक-एक रन लेकर ये ओवर निकाले थे जबकि भारत को उस समय जीत के लिए 13 रन प्रति ओवर की दरकार थी। हालांकि कोहली ने हमेशा की तरह फिर से धोनी का बचाव करते हुए मैच के बाद कहा था कि धोनी ने शॉट मारने की बहुत कोशिश की। लेकिन मैच देख रहे सभी दर्शकों की राय शायद कोहली से अलहदा होगी। हालांकि एक सच यह भी है कि कोहली ने खुद ही रोहित के साथ पहले पॉवरप्ले में बहुत धीमा खेल दिखाया था। गांगुली ने इस समस्या की ओर इशारा करते हुए कहा, 'आप 338 रनों का पीछा करते हुए पहले पॉवरप्ले (शुरुआती 10 ओवर) में केवल 28 रन का स्कोर नही कर सकते हैं। कोहली और रोहित को ऊपरी क्रम में और ज्यादा रिस्क लेना चाहिए था।'
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