पाकिस्तान का कोई भरोसा नहीं-
पाकिस्तान ने वेस्टइंडीज के खिलाफ हुए पहले मैच में केवल 105 रन बनाए थे। यह पाक टीम का विश्व कप में बनाया गया दूसरा सबसे कम स्कोर था। जबकि इंग्लैंड के खिलाफ हुए दूसरे मैच में पाक ने 348 रन बनाए। मजेदार बात यह है कि ये पाकिस्तान का विश्व कप में बनाया दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है। मतलब साफ है कि पाकिस्तान दुनिया की ऐसी टीम है जो अपने दिन किसी को भी हरा सकती है और किसी से हार भी सकती है।
हार में भी दिखाया बटलर ने दम-
दूसरी दिलचस्प बात यह रही कि पाक की ओर से किसी भी बल्लेबाज ने शतक नहीं लगाया। जबकि इंग्लैंड जो रूट और जोस बटलर के शतकों के बावजूद भी हार गया। यह विश्व कप में दुलर्भ अवसर है कि एक ही टीम के दो बल्लेबाज शतक बनाए और उनकी टीम हार जाए। बटलर ने इस मैच में केवल 76 गेंदों पर 103 रनों की पारी खेली। इसी के साथ बटलर के नाम 7 ऐसे ODI शतक हो गए हैं जो उन्होंने 75 या उससे कम गेंदों पर बनाए। इस मामले में नंबर एक पर एबी डिविलियर्स हैं। मजेदार बात यह भी है कि इन दोनों ही बल्लेबाजों को मिस्टर 360 डिग्री कहा जाता है।
लगातार 11 ODI हार का सिलसिला टूटा-
इतना ही नहीं, पाकिस्तान इस विश्व कप में लगातार 10 ODI हार के शर्मनाक तमगे के साथ आया था। पाक को वार्म-अप मैच में अफगानिस्तान ने भी हरा दिया था और वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना पहला लीग हारकर पाक के नाम लगातार 11 ODI हार हो गई थी। इंग्लैंड के खिलाफ पाकिस्तान ने ना केवल लगातार हार का सिलसिला तोड़ा बल्कि दुनिया की नंबर एक टीम को भी हराया। अब पाक टूर्नामेंट में आगे और अधिक आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकता है।
इंग्लैंड की भी 20 ODI जीतों का सिलसिला टूटा-
इस हार ने इंग्लैंड की मजबूत टीम को भी एक झटका दिया है। इस मैच से पहले तक इंग्लिश टीम अपनी धरती पर 20 ODI मैच में चेस करते हुए एक भी मैच नहीं हारी थी। इन मैचों में 17 में से इंग्लैंड को जीत मिली थी जबकि 3 का परिणाम नहीं निकला था। अब पाकिस्तान के खिलाफ हारकर 20 वनडे मैचों में जीत का सिलसिला भी आखिरकार टूट गया।
इंग्लैंड ने हारकर भी बनाया विश्व रिकॉर्ड-
लेकिन ऐसा भी नहीं है कि इस मैच इंग्लैंड ने सब कुछ खोया ही हो। सच तो ये है कि इंग्लैंड ने भी अंतिम ओवरों तक लड़ने का माद्दा दिखाते हुए 50 ओवरों में 9 विकेट खोकर 334 रन बनाए। यह टीम जीत से 15 रन पीछे रह गई। यह इंग्लैंड का साल 2019 में छठवीं बार 300 या उससे ज्यादा रनों का आंकड़ा है। अभी यह साल आधा बाकी है। आपको बता दें कि एक साल में सबसे ज्यादा बार 300 या उससे ज्यादा ODI स्कोर 6 बार ही बना है। इंग्लैंड से पहले ऑस्ट्रेलिया भी यह कारनामा साल 2007 में कर चुका है।
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