नई दिल्लीः रोहित शर्मा ने भारत में एक बार फिर से वो टेस्ट पारी खेली है जिसकी अपेक्षा हम उनसे हर बार करते हैं। शुरू से ही चुनौती पेश कर रही पेचीदा पिच पर भारत के बाकी बल्लेबाजों को लंच से पहले काफी समस्याएं आई लेकिन रोहित का खेल अलग था। उन्होंने पहले सत्र में तूफानी बैटिंग का नजारा पेश करके दूसरे सत्र के बीच में ही शतक लगा दिया है।
उन्होंने तूफानी अंदाज में केवल 47 गेंद खेलकर अर्धशतक लगाया और वनडे के स्टाइल में बैटिंग करके भारत से काफी दबाव कम दिया। भारत के लंच से पहले तीन बड़े विकेट गिरे जिनमें से दो बल्लेबाज खाता भी नहीं खोल पाए लेकिन यह रोहित शर्मा का प्रभाव था कि भारत ने कभी वह दबाव महसूस नहीं किया।
रोहित ने नर्वस नाइंटीज को छोड़कर हर मौके पर अपनी लय बनाए रखी। ये उनके टेस्ट करियर का 7वां शतक है।
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इस पिच पर रोहित के शतक के भारत के लिए बहुत मायने हैं क्योंकि टीम करारी हार के बाद खेलने उतरी है और फिर से उसके टॉप ऑर्डर ने रन नहीं बनाए हैं। ऐसे में रोहित का टिकना भारत को तेज गति से रन बनाने के लिए महत्वपूर्ण था।
इतना ही नहीं, खबर लिखे जाने तक रोहित ने अजिंक्य रहाणे के साथ शतकीय साझेदारी करके भारत को शुरुआती झटकों से भी उभार लिया है। ये वही जोड़ी है जिसकी चौतरफा आलोचना हो रही थी। रोहित-रहाणे पहले टेस्ट मैच के दौरान कुछ खास नहीं कर सके थे और इस मैच में ये जोड़ी इंग्लैंड के लिए सिरदर्द साबित हुई।
खबर लिखे जाने तक भारत ने 187 रन बना लिए थे जिसमें से 131 रन अकेले रोहित शर्मा के थे। इसी से उनकी पारी की महत्ता का पता लगता है। रहाणे 35 रन बनाकर खेल रहे थे।