50 साल में पहली बार भारत को मिली जीत
उल्लेखनीय है कि केनिंग्सटन ओवल के मैदान पर भारतीय टीम को 50 साल में पहली बार जीत मिली है। ओवल के मैदान पर भारतीय टीम को पहली बार साल 1971 में जीत मिली थी, जहां पर अजीत वाडेकर की कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड को 4 विकेट से हराया था। इंग्लैंड की टीम ने इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 355 रनों का स्कोर खड़ा किया था जवाब में भारतीय टीम 284 रनों पर ऑल आउट हो गई। दूसरी पारी में भारतीय गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 101 रनों पर समेट दिया। चौथी पारी में भारत को जीत के लिये 174 रनों की दरकार थी जिसे उसने 6 विकेट खोकर आसानी से हासिल कर लिया।
हर पारी में एक खिलाड़ी 50 रन पर आउट
इस मैच में कई शानदार चीजें देखने को मिली जिसमें से एक ऐसा रिकॉर्ड भी रहा जो क्रिकेट के इतिहास में कभी भी देखने को नहीं मिला था। इस मैच की हर पारी में एक बल्लेबाज 50 रन के स्कोर पर आउट हुआ है जो कि इस मैच से पहले कभी भी देखने को नहीं मिला था। भारत के लिये पहली पारी में कप्तान विराट कोहली 50 रन के स्कोर पर आउट हुए थे तो वहीं पर इंग्लैंड के लिये क्रिस वोक्स 50 रन के स्कोर पर आउट हुए। दूसरी पारी में ऋषभ पंत 50 रन के स्कोर पर अपना विकेट खोकर आउट हुए तो वहीं पर इंग्लैंड के लिये रॉरी बर्न्स 50 रन के स्कोर पर आउट हुए।
भारतीय गेंदबाजों ने 5वें दिन दिलाई जीत
भारत की ओर से 368 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड की टीम के लिये सलामी बल्लेबाज रॉरी बर्न्स (50) और हासिब हामिद (63) ने बेहतरीन शुरुआत करते हुए पहले विकेट के लिये 100 रनों की साझेदारी कर डाली। इस वक्त ऐसा लग रहा था मानों इंग्लैंड की टीम पहली बार 368 रनों के स्कोर का पीछा करके इतिहास रच सकती है क्योंकि पिच से गेंदबाजों को कोई मदद नहीं मिल रही थी। लेकिन पांचवे दिन शार्दुल ठाकुर ने रॉरी बर्न्स का विकेट लेकर भारत की वापसी कराई और यहां से विकेटों के गिरने का सिलसिला शुरू हो गया।
डेविड मलान रन आउट हुए तो हासिब हामिद को रविंद्र जडेजा ने बोल्ड कर के टीम की वापसी कराई। लंच तक इंग्लैंड की टीम ने अपने 3 विकेट खो दिये। लंच के बाद भारत के लिये जसप्रीत बुमराह ने पहले ऑली पोप और फिर जॉनी बेयरस्टो को बोल्ड कर टीम के हारने के समीकरण को पूरी तरह से बाहर कर दिया। वहीं कुछ देर बाद जडेजा ने मोइन अली को कैच कराकर इंग्लैंड को छठा झटका दिया। शार्दुल ठाकुर ने जो रूट को बोल्ड कर इंग्लैंड को सबसे बड़ा झटका दिया, जिसके बाद उमेश यादव ने पहले क्रिस वोक्स और फिर ओवर्टन का विकेट लेकर टीम की जीत पर मुहर लगा दी।
जीत के हीरो रहे शार्दुल ठाकुर
गौरतलब है कि भारतीय टीम के लिये इस जीत के कई हीरो रहे लेकिन अगर शार्दुल ठाकुर को वो खिलाड़ी माना जाये जिसने मैच का रुख बदला है तो गलत नहीं होगा। पहली पारी में भारतीय टीम ने महज 127 रन अपने 7 विकेट खो दिये थे लेकिन शार्दुल ठाकुर ने 36 गेंदों में 57 रनों की पारी खेलकर टीम को एक सम्मानजनक स्कोर पर पहुंचाया। वहीं दूसरी पारी में भी जब भारतीय टीम के पास सिर्फ 213 रनों की बढ़त हुई थी तो एक बार फिर से विराट सेना मुश्किल में पहुंच गई थी लेकिन शार्दुल ठाकुर ने 60 रनों की अर्धशतकीय पारी खेलकर ऋषभ पंत के साथ 100 रनों की साझेदारी की और टीम की बढ़त को 300 के पार पहुंचा दिया और भारत को एक ऐसी बढ़त दिला दी जिससे उसका हारना लगभग नामुमकिन हो गया।
वहीं गेंदबाजी में जब दूसरी पारी में भारत को विकेट की बेहद ज्यादा दरकार थी तो शार्दुल ने अपनी अनप्लेयबल गेंद से बर्न्स का विकेट हासिल कर पहली सफलता दिलाई और भारत की जीत में जो सबसे बड़ी बाधा बन सकते थे उस कप्तान जो रूट (38) का भी विकेट शार्दुल ने ही लिया।