हरभजन से 2 विकेट दूर, अकरम को छोड़ा पीछे
आर अश्विन ने अपनी गेंदबाजी के दौरान विल यंग के अलावा काइल जैमिसन और विलियम समरविल का विकेट भी हासिल किया जिसके चलते टेस्ट क्रिकेट में उनके कुल विकेटों की संख्या 416 पहुंच गई है। इसके साथ ही वह टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिये सबसे विकेट लेने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में तीसरा स्थान हासिल करने से महज 2 विकेट दूर रह गये हैं। इस फेहरिस्त में पूर्व स्पिनर अनिल कुंबले (619), कपिल देव (434), हरभजन सिंह (417) और रविचंद्रन अश्विन का नाम आता है, ऐसे में हरभजन को पछाड़ने के लिये उन्हें सिर्फ 2 ही विकेट की दरकार रह गई है। इसके साथ ही अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में वसीम अकरम को भी पीछे छोड़ दिया है जिन्होंने अपने टेस्ट करियर में 414 विकेट हासिल किये थे।
2021 में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने
इसके साथ ही आर अश्विन ने 2021 में सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में पहला स्थान हासिल कर लिया है। अश्विन ने इस मामले में पाकिस्तान के तेज गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी को पीछे छोड़ा है। जहां भारत की टीम इस समय न्यूजीलैंड के साथ टेस्ट सीरीज खेल रही है तो वहीं पर पाकिस्तान की टीम बांग्लादेश के साथ मैच खेल रही है। जहां बांग्लादेश के खिलाफ पहली पारी में 2 विकेट चटकाने के बाद अफरीदी 39 विकेट पर पहुंच गये हैं तो वहीं पर अश्विन इस मामले में 41 पर पहुंच गये हैं। 2021 में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजोंं की बात करें तो हसन अली (7 मैचों में 37 विकेट) और अक्षर पटेल (4 मैचों में 32 विकेट) का नाम भी शामिल है।
अक्षर पटेल ने फिर चटकाये 5 विकेट
जहां रविचंद्रन अश्विन ने एक तरफ विकेटों का बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम किया तो वहीं पर अक्षर पटेल ने भी 5 विकेट चटकाकर इतिहास रच दिया। इंग्लैंड के खिलाफ इस साल डेब्यू करने वाले अक्षर पटेल के लिये यह चौथा ही मैच है जिसकी 9वीं पारी में उन्होंने 5वीं बार 5 विकेट हॉल अपने नाम किया है। इसके साथ ही वह करियर के पहले 4 टेस्ट मैच में सबसे ज्यादा 5 विकेट हॉल लेने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में टॉम रिचर्डसन, रॉडनी हॉग के साथ दूसरे पायदान पर काबिज हो गये हैं। इस फेहरिस्त में चार्ली टर्नर (6 बार) का नाम सबसे ऊपर है। वहीं भारत के लिये पहले 4 मैचों में सबसे ज्यादा बार 5 विकेट हॉल लेने का रिकॉर्ड भी अक्षर के नाम हो गया है जो कि पहले लक्ष्मण शिवरामकृष्णनन और नरेंद्र हिरवानी (3-3 बार) के नाम था।