मोइन अली के साथ बने सबसे लकी क्रिकेटर
इस दौरान किस्मत ने भी कीवी टीम के सलामी बल्लेबाजों का भरपूर साथ दिया लेकिन कानपुर टेस्ट को टॉम लैथम के लिये जाना जायेगा, जिन पर किस्मत कुछ इस कदर मेहरबान हुई कि वो टेस्ट क्रिकेट के सबसे लकी बल्लेबाज बन गये हैं। एक ही पारी में सबसे ज्यादा बार आउट दिये जाने के बाद नॉटआउट होने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में टॉम लैथम सबसे ऊपर पहुंच गये हैं और उन्होंने इंग्लैंड के मोइन अली के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। न्यूजीलैंड के लिये पारी की शुरुआत करने आये टॉम लैथम को अंपायर नितिन मेनन ने पारी के तीसरे ही ओवर में एलबीडब्ल्यू आउट करार दिया था, जिसके बाद लैथम रिव्यू के लिये गये और पता लगा कि गेंद बल्ले का किनारा लेकर पैड पर लगी और वो नॉटआउट करार दिये गये।
इसके बाद 15वें ओवर में जब रविंद्र जडेजा ने गेंदबाजी की तो यहां पर भी एलबीडब्लयू की अपील हुई और अंपायर ने आउट करार दिया। लैथम ने फिर से रिव्यू लिया और फिर से गेंद बल्ले का किनारा लगती हुई नजर आयी और लैथम बच गये। 56वें ओवर में यही एक्शन रिप्ले रविचंद्रन अश्विन के ओवर में दिखा और लैथम फिर से रिव्यू के चलते नॉटआउट करार दिये गये। इस मैच से पहले टेस्ट क्रिकेट की एक ही पारी में आउट दिये जाने के बाद सबसे ज्यादा बार नॉटआउट होने का रिकॉर्ड मोइन अली के नाम था, जो कि साल 2016 में बांग्लादेश के खिलाफ खेले गये टेस्ट मैच की एक पारी में 3 बार नॉटआउट रहे थे और अब टॉम लैथम का नाम भी शामिल हो गया है।
साधारण अंपायरिंग और खराब कप्तानी का मिला फायदा
डीआरएस में टॉम लैथम को किस्मत का साथ मिल चुका था लेकिन अभी उनके लक ने थोड़ा और साथ देना था। पारी के 73वें ओवर में जब टॉम लैथम 66 रन के स्कोर पर खेल रहे थे तो रविचंद्रन अश्विन ने एक बार फिर से उन्हें अपनी गेंद पर फंसाया और एलबीडब्ल्यू की बड़ी अपील की। रविचंद्रन अश्विन ने टॉम लैथम को एलबीडब्ल्यू पर फंसाकर बड़ी अपील की लेकिन पिछली 3 बार आउट का निर्णय देने वाले अंपायर इस बार अपील से सहमत नजर नहीं आये और नॉटआउट करार दिया। जहां पर अश्विन लैथम के आउट होने को लेकर पूरी तरह से सहमत नजर आ रहे थे तो वहीं पर कप्तान रहाणे ने दिलचस्पी नहीं दिखाई और रिव्यू के लिये नहीं गये। ऐसे में जब बाद में रिप्ले देखा गया तो टॉम लैथम के खिलाफ एलबीडब्लयू के सभी मानक खरे दिखे और वो आउट नजर आये। हालांकि साधारण अंपायरिंग और खराब कप्तानी के रूप में टॉम लैथम की किस्मत ने एक बार फिर से टॉम लैथम का साथ दिया और वो चौथी बार बचे।
एक ही पारी में इतनी बार जीवनदान मिलने के बाद कोई भी खिलाड़ी कम से कम शतकीय पारी जरूर खेलता है, हालांकि किस्मत का भरपूर साथ मिलने के बावजूद टॉम लैथम 95 रन ही बना सके और अक्षर पटेल की गेंद पर अपना विकेट खोकर पवेलियन लौटे।
लैथम के नाम हुए कई रिकॉर्ड
टॉम लैथम भले ही अपनी पारी को शतक में तब्दील करने में नाकाम रहे हों, लेकिन किस्मत की मेहरबानी के चलते उन्होंने कई सारे रिकॉर्ड अपने नाम कर लिये। टॉम लैथम (95) और विल यंग (89) ने बल्लेबाजी करते हुए पहले विकेट के लिये 151 रनों की साझेदारी की और कीवी टीम के लिये भारत में की गई सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी की लिस्ट में दूसरे पायदान पर पहुंच गये हैं। इस लिस्ट में रिचर्डसन-विंसेंट की ओर से साल 2003-04 में खेले गये मोहाली टेस्ट की पारी सबसे ऊपर है जिसमें उन्होंने 231 रनों की साझेदारी की थी, वहीं पर गैरी स्टीड और माइकल होर्न के बीच साल 2000 में 131 रनों कि साझेदारी तीसरे पायदान पर काबिज है। इतना ही नहीं न्यूजीलैंड के लिये विदेशी सरजमीं पर सबसे ज्यादा रनों की ओपनिंग साझेदारी की लिस्ट में (387 जी टर्नर - टी जार्विस बनाम वेस्टइंडीज 1971/72, 231 एम रिचर्डसन - एल विंसेंट बनाम भारत 2003/04, 185 जे राइट - टी फ्रैंकलिन बनाम इंग्लैंड 1990, 169 टॉम लैथम - मार्टिन गप्टिल बनाम जिम्बाब्वे 2016, 163 एम रिचर्डसन - एस फ्लेमिंग बनाम इंग्लैंड 2004 और 151 टॉम लैथम - विल यंग बनाम भारत 2021/22) यह पारी छठे नंबर पर पहुंच गई है।
विलियमसन की फेहरिस्त में शामिल हुए विल यंग
वहीं न्यूजीलैंड की ओर से भारत में खेले गये अपने पहले मैच में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में विल यंग का भी नाम शुमार हो गया है और वो 89 रनों की पारी खेलकर इस लिस्ट में छठे नंबर पर काबिज हो गये हैं। इस फेहरिस्त में 131 केन विलियमसन अहमदाबाद 2010/11, 105 ब्रूस टेलर कोलकाता 1964/65, 104 जॉन पार्कर मुंबई डब्ल्यूएस 1976/77, 103 जेसी राइडर अहमदाबाद 2010/11, 102 जॉन गॉय हैदराबाद 1955/56 और 89 विल यंग कानपुर 2021/22 का नाम शामिल है।