नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम इस समय श्रीलंका के दौरे पर है जहां उसे 3 मैचों की वनडे और 3 मैचों की टी20 सीरीज खेलनी है, जिसकी शुरुआत 13 जुलाई से होगी। साल 2018 में खेली गई निदाहास ट्रॉफी के बाद भारतीय टीम पहली बार श्रीलंका दौरे पर गई है, हालांकि कोरोना वायरस के चलते बीसीसीआई ने एक साथ दो दौरों का आयोजन किया है जिसकी एक टीम इंग्लैंड दौरे पर 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने पहुंची है तो वहीं पर शिखर धवन की कप्तानी वाली टीम श्रीलंका के खिलाफ सीमित ओवर्स प्रारूप की सीरीज खेलने पहुंची है।
इस बीच श्रीलंका के लिये 1996 विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा रह चुके पूर्व खिलाड़ी अर्जुन राणातुंगा ने भारतीय टीम को बी ग्रेड की टीम बताते हुए अपने देश का अपमान बताया और कहा कि श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को इस दौरे के लिये राजी ही नहीं होना चाहिये था क्योंकि बीसीसीआई ने अपनी दोयम दर्जे की टीम भेजी है।
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वहीं पर श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने राणातुंगा के इस बयान को लेकर जवाब दिया है और कहा है कि भारत की ओर से जो 20 सदस्यीय टीम भेजी गई है उसमें से 14 खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तीनोंं प्रारूप में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने एक बयान जारी करते हुएकहा, 'श्रीलंका दौरे पर आने वाली यह भारतीय टीम दोयम दर्जे की नहीं है। सीरीज खेलने आई इस टीम के 20 में से 14 खिलाड़ी तीनों प्रारूप में अपने देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल के नये मानदंड है जिसके चलते आईसीसी के कुछ सदस्य देश खेल के हर प्रारूप में स्पेशल टीम और खिलाड़ी बनाये रखते हैं।
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गौरतलब है कि अर्जुन राणातुंगा ने आरोप लगाया था कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने 3 मैचों की वनडे और टी20 सीरीज के लिये अपनी बी टीम को भेजकर श्रीलंका क्रिकेट का अपमान किया है। बीसीसीआई ने टीवी मार्केटिंग की जरूरतों को पूरा करने के लिये यह सीरीज खेलने के लिये हामी भरी है जो कि टीम का अपमान है।
राणातुंगा ने विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय टीम का जिक्र करते हुए कहा कि बीसीसीआई ने इंग्लैंड के खिलाफ अपनी बेस्ट टीम भेजी है जबकि कमजोर टीम को श्रीलंका भेज दिया है। ऐसा क्यों नहीं है कि उन्होंने इंग्लैंड में अपनी कमजोर टीम भेजी। बीसीसीआई के इस रुख के लिये मैं मौजूदा व्यवस्था को दोषी मानता हूं। आपको बता दें कि भारतीय टीम ने इस दौरे के लिये राहुल द्रविड़ को हेड कोच बनाया है।