फिनिशर ने किया मैच एक बार 'फिनिश'-
निश्चित रूप से जाधव ने भी धोनी से मैच फिनिशिंग की कला के कुछ महत्वपूर्ण गुर उनको केवल दूसरे छोर पर खेलते देखकर ही सीख लिए होंगे। बता दें केदार जाधव, महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली की शानदार बल्लेबाजी के बूते भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 6 विकेट से हराकर पांच मैचों की वनडे सीरीज का पहला मैच जीत लिया है। यह भारत के लिए दो मैचों की टी-20 सीरीज में हार के बाद फार्म वापसी भी है। इस मैच में कंगारू कप्तान ऐरान फिंच ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 236 रन बनाए थे। जिसके जवाब में भारत ने 4 विकेट के नुकसान पर 240 रन बनाकर जीत दर्ज कर ली।
जाधव को आगे कर निभाई पर्द के पीछे वाली भूमिका-
एक समय भारत की हालत मैच में खस्ता थी और 99 रनों के स्कोर पर अंबाती रायडू (13) के रूप में भारत को चौथा झटका लग गया था। यहां से केदार जाधव और धोनी की जोड़ी ने मोर्चा संभाल लिया। दोनों ने शुरू में टिककर खेलते हुए संयम का परिचय दिया। उसके बाद बीच के ओवरों में जाधव ने ढीली गेंदों पर प्रहार करते हुए रन बटोरने शुरू किए। दोनों बल्लेबाजों ने अपने अर्धशतक पूरे किए और अंत तक नाबाद रहे। धोनी ने 72 गेंदों पर 59 रन तो जाधव ने 87 गेंदों पर 81 रनों की पारी खेली।
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71वें अर्धशतक के साथ ही बनाया स्पेशल रिकॉर्ड-
इसी के साथ धोनी ने एक स्पेशल रिकॉर्ड बना दिया है। यह धोनी का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार चौथा वनडे अर्धशतक था। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया की धरती हुई तीन मैचों की सीरीज में भी धोनी ने लगातार तीन अर्धशतकीय पारी खेलकर भारत की सीरीज जीत में अहम भूमिका निभाई थी। धोनी तब मैन ऑफ द सीरीज भी रहे थे और भारत ने वह सीरीज 2-1 से जीतने में कामयाबी पाई थी। यह धोनी का 71वां वनडे अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक था। इससे पहले धोनी ने कंगारूओं के खिलाफ उनकी जमीन पर क्रमशः 51, नाबाद 55 और नाबाद 87 रनों की पारियां खेली थी।