नई दिल्ली। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर की टीम के लिए यह आईपीएल एक अब तक एक बुरा सपना ही साबित हुआ है। विराट कोहली की यह टीम अपने शुरुआती चार मैचों में एक भी जीत दर्ज नहीं कर सकी है। जब 2 अप्रैल को यह टीम जयुपर में मेजबान राजस्थान रॉयल्स से मुकाबले में थी तब सबको उम्मीद थी कि शायद बेंगलोर को पहली जीत नसीब हो जाएगी। क्योंकि रॉयल्स का हाल भी बेंगलोर के जैसा ही था लेकिन सवाई मानसिंह स्टेडियम में बाजी अततः हाथ लगी राजस्थान के और इसके हीरो रहे श्रेयस गोपाल। गोपाल ने मैच में विराट कोहली, एबीडी और हेटमायर सरीखे बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाकर राजस्थान की जीत की आधारशिला रखी थी।
गोपाल के अलावा इस मैच में एक और स्पिनर चमका था- वह थे बेंगलोर के युजवेंद्र चहल। चहल ने भी अपने चार ओवर के कोटे से केवल 17 रन खर्च करके 2 विकेट लिए थे। इससे पहले भी चहल इस सीजन में बेंगलोर के लिए अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं और उनके नाम चार मैचों में 8 विकेट हैं। लेकिन पर्पल कैप धारक चहल इससे संतुष्ट नहीं हैं और उनके दिल में टीम के हारने की टीस है। चहल ने कहा, वे और ज्यादा संतुष्ट होते अगर उनकी टीम राजस्थान को शिकस्त देने में सफल होती।
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चहल ने अपने प्रदर्शन के बारे में बात करते हुए कहा, 'निश्चित तौर पर टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेकर अच्छा लग रहा है लेकिन दुर्भाग्य से हम मैच नहीं जीत सके।' चहल ने लेग स्पिनरों के प्रदर्शन के बारे में करते हुए यह भी बताया कि एक लेग स्पिनर के पास अन्य किसी भी गेंदबाज के मुकाबले काफी विविधता होती है। साथ ही लेग स्पिनर पिच से ज्यादा टर्न भी लेता है।
वहीं, अपनी टीम की लगातार चौथी हार के बाद मुश्किल हालातों के बारे में बात करते हुए चहल ने कहा, 'अब जरूरी है सकारात्मक रहा जाए। लगातार चार मैच हारने के बावजूद अभी भी हमको 10 मैच खेलने हैं।'