नई दिल्ली। आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज जॉस बटलर को मांकड तरीके से आउट कर अलग-थलग पड़े किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान रविचंद्रन अश्विन को एक संजीवनी मिली है। क्रिकेट की नियामक संस्था Marylebone Cricket Club (MCC) ने इस मामले पर जॉस बटलर की जगह पर अश्विन का पक्ष लिया है।
यहीं नहीं, MCC ने जोर दिया है कि मांकडिंग का क्रिकेट की खेल भावना से कोई सरोकार नहीं है और नॉन स्ट्राइकर छोर पर खड़ा बल्लेबाज इसके लिए खुद जिम्मेदार है। आप गेंदबाज से यह अपेक्षा नहीं कर सकते कि वह उस बल्लेबाज को चेतावनी दे। MCC ने साफ कहा कि नियम बिल्कुल साफ है अगर आप नॉन स्ट्राइकर छोर के बल्लेबाज को नहीं रोकेंगे तो वे आसानी से पिच के आधे भाग से दौड़ लगाता रहेगा।
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नियम 41.16 के मुताबिक- यदि गेंद फेंकने से पहले नॉन-स्ट्राइकर मैदान से बाहर आ जाता है, और गेंदबाज सामान्य रूप से गेंद को रिलीज करने की उम्मीद करता है, तो गेंदबाज को इजाजत है कि वह ऐसे बल्लेबाज को रन आउट कर दे। हालांकि इस दौरान MCC ने माना अगर अश्विन ने जानबूझकर गेंद नहीं फेंकी ताकी बटलर आगे आ सकें तो यह गलत है और खेल भावना के खिलाफ है। वैसे अश्विन ने इस बात का खंडन किया है।
01 अक्टूबर 2017 को MCC ने क्रिकेट के कई नियमों में बदलाव किए लेकिन MANKAD-ING के जरिए नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े बल्लेबाज को आउट करने के नियम में कोई बदलाव नहीं किया। MCC के द्वारा जारी नियम के मुताबिक साल 2011 से पहले कोई भी गेंदबाज नॉन स्ट्राइकर बल्लेबाज को सिर्फ गेंद फेंकने से पहले और क्रीज से बाहर खड़े होने की स्थिति में गेंदबाजी एक्शन (delivery stride) में आने से पहले आउट कर सकता था लेकिन साल 2011 के बाद गेंदबाज किसी भी स्थिति (गेंदबाजी करने के दौरान) में नॉन स्ट्राइकर बल्लेबाज को आउट कर सकता है।