आईपीएल की वजह से पीसीबी को नहीं मिल पा रहे डीआरएस ऑपरेटर्स
रिपोर्ट के आधार पर बीसीसीआई ने यूएई में खेले जाने वाले आईपीएल 2021 के बचे हुए मैचों के लिये ज्यादातर डीआरएस सिस्टम ऑपरेटर्स को हायर कर लिया है जिसके चलते पाकिस्तान-न्यूजीलैंड सीरीज के लिये उसे कोई आईसीसी मानित ऑपरेटर नहीं मिल पा रहा है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना के चलते बीच में ही रोके गये आईपीएल 2021 के बचे हुए 31 मैचों का आयोजन यूएई में किया जा रहा है जिसका पहला मैच 19 सितंबर को दुबई के मैदान पर चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस के बीच खेला जायेगा। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने डीआरएस ऑपरेटर्स को पीसीबी की तुलना में 4 गुना पैसे दिये हैं और यही कारण है कि ऑपरेटर्स ने लीग को इस अंतर्राष्ट्रीय सीरीज के ऊपर तरजीह दी है।
बिना डीआरएस ही करानी पड़ेगी सीरीज
आईसीसी के नियमों के अनुसार किसी भी इंटरनेशनल मैच के दौरान सिर्फ आईसीसी से प्रमाणित डीआरएस ऑपरेटर्स का ही इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे में आईपीएल के आयोजन से सिर्फ दो दिन पहले शुरू होने वाली इस सीरीज के शॉर्ट नोटिस और कम पैसों को ध्यान में रखते हुए पीसीबी को ऑस्ट्रेलिया समेत कई बड़े देशों से डीआरएस ऑपरेटर्स नहीं मिल पा रहे हैं, जिसे देखते हुए माना जा रहा है कि शायद पाकिस्तान बोर्ड को बिना डीआरएस के ही सीरीज करानी पड़े।
जियो न्यूज से बात करते हुए पीसीबी के एक सूत्र ने कहा,'आईसीसी से प्रमाणित डीआरएस ऑपरेटर्स का अंतर्राष्ट्रीय मैचों में होना जरूरी है और जिस दौरान यह सीरीज खेली जानी है उस दौरान कोई भी ऑपरेटर उपलब्ध नहीं है। इसी वजह से पीसीबी को बिना डीआरएस के सीरीज कराने का फैसला करना पड़ा है।'
इंग्लैंड सीरीज के लिये भी डीआरएस मिलना मुश्किल
वहीं पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का मानना है कि सीमित ओवर्स प्रारूप की इस सीरीज के लिये उसे डीआरएस सेवायें जरूर मिल जायेंगे। पाकिस्तान को आईसीसी टी20 विश्वकप के तुरंत बाद इंग्लैंड की भी सीमित ओवर्स सीरीज के लिये मेजबानी करनी है, हालांकि सूत्रों का मानना है कि इंग्लैंड सीरीज के लिये भी डीआरएस को पहले से बुक कर पाना ईसीबी के लिये आसान नहीं हो सकेगा।
आपको बता दें कि नवंबर 2009 से टेस्ट क्रिकेट में शुरू किये गये डीआरएस को साल 2017 में क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में इस्तेमाल करना अनिवार्य कर दिया गया है। सीमित ओवर्स मैच के दौरान मौजूदा समय में दोनों टीमों को अंपायर के निर्णय के खिलाफ चुनौती देने का दो बार अधिकार दिया जाता है।