नई दिल्ली। बुधवार को दिल्ली में हुई आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की बैठक में बेहद ही अहम फैसला लिया गया है। अब अगले साल 2018 में आईपीएल के 11वें संस्करण में सभी टीमें अपने 5-5 खिलाड़ियों को रीटेन कर सकेंगी। इसमें प्री-प्लेयर ऑक्शन और राइट टू मैच के तहत खिलाड़ी रिटेन होंगे। महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना के वापस चेन्नई सुपर किंग्स में आना भी तय माना जा सकता है।
आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के मुताबिक फ्रेंचाइजी ज्यादा से ज्यादा 3 टीम इंडिया के लिए खेलने वाले खिलाड़ी, 2 विदेशी खिलाड़ी और 2 अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ी रीटेन कर सकती हैं। गवर्निग काउंसिल में सीओए के मेम्बर भी शामिल हुए और टीमों की खर्च राशि बढ़ाने सहित कई मुद्दों पर बातचीत की गई।
बता दें कि इसके अलावा आईपीएल टीमों के लिये अगले चरण से वेतन बजट को 66 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 80 करोड़ रूपये कर दिया गया है। जो 2019 में बढ़कर 82 करोड़ रूपये और 2020 में और बढ़ते हुए 85 करोड़ रूपये तक पहुँच जाएगा। नए नियमों के मुताबिक धोनी और रैना जैसे खिलाड़ियों को अब दोबारा चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम बरकरार रख सकती है। यानी अगर धोनी CSK में फिर शामिल हुए तो मुमकिन है कि फैंस उन्हें फिर से कप्तान के रूप में देख पाएंगे।
क्या होता है राइट टू मैच?
राइट टू मैच कार्ड का मतलब होता है कि खिलाड़ी की बोली लगने पर इस कार्ड की मदद से बोली गई राशि से टीम (अधिकतम 2) खिलाड़ी अपने पास ही रख सकती है। तीन खिलाड़ी सीधे रिटेन किये जा सकेंगे। अर्थात पुरानी फ्रेंचाइजी सबसे ज्यादा बोली पाने वाले खिलाड़ी को अपने साथ जोड़ सकती है।
जिन पांच खिलाड़ियों को रिटेन किया जाएगा, उनके लिए नियम-
1. ज्यादा से ज्यादा 3 कैप्ड भारतीय खिलाड़ी
2. ज्यादा से ज्यादा 2 विदेशी खिलाड़ी
3. ज्यादा से ज्यादा 2 अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ी
अगर तीन खिलाड़ी रिटेन होंगे
पहले खिलाड़ी को 15 करोड़
दूसरे को 11 करोड़
तीसरे को 7 करोड़ रूपये की राशि मिलेगी।
दो खिलाड़ियों को ही रिटेन करने पर
पहले खिलाड़ी को 12.5 करोड़
दूसरे को 8.5 करोड़ रूपये की राशि मिलेगी।
एक ही खिलाड़ी को यथावत रखे जाने पर अधिकतम 12.5 करोड़ रूपये ही मिल पाएंगे।