नई दिल्ली। भारत सरकार ने चीन को झटका दे दिया है। चीन ने गलवान घाटी में में जो नापाक हरकत की उसका जवाब भारत ने चीन के 59 ऐप्स को बैन करके दिया है। अब किंग्स इलेवन पंजाब की टीम के मालिक नेस वाडिया ने कहा कि है आईपीएल में भी चीन के प्रायोजकों से नाता तोड़ देना चाहिए। गलवान घाटी में 15 जून को 20 भारतीय सैनिकों की मौत के बाद पूरे भारत में चीन के उत्पादों के बहिष्कार की मांग बढ़ी। अब आईपीएल भी वीवो कंपनी से किए हुए करार पर विचार कर सकता है।
पंजाब की टीम के मालिक नेस वाडिया ने पीटीआई से कहा, ''हमें देश की खातिर आईपीएल में चीन के प्रायोजकों से नाता तोड़ना चाहिए। हमारे लिए देश पहले है और पैसा बाद में। यह इंडियन प्रीमियर लीग है, ना कि चीन प्रीमियर लीग नहीं। चीनी कंपनियों से नाता तोड़कर एक उदाहरण पेश करना चाहिए और रास्ता दिखाना चाहिए।'' नेस वाडिया ने आगे कहा, "'हां, शुरुआत में प्रायोजक ढूंढना थोड़ा मुश्किल रहेगा लेकिन मुझे लगता है कि भारत में बड़ी कंपनियां हैं जो उनकी जगह ले सकती हैं। हमें देश और सरकार का सम्मान करना चाहिए और सबसे महत्वपूर्ण सैनिकों को जो हमारे लिए अपना जीवन खतरे में डालते हैं।''
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बता दें कि चीन की मोबाइल फोन कंपनी वीवो आईपीएल की टाइटल प्रायोजक है और प्रत्येक साल भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) को 440 करोड़ रुपए देती है। यह करार 2022 तक चलेगा। आईपीएल से जुड़ी कंपनियों पेटीएम, स्विगी और ड्रीम इलेवन में भी चीन की कंपनियों का निवेश है। केवल आईपीएल ही नहीं बल्कि अन्य खेलों में भी चीन की कंपनियों का करार है। वहीं चेन्नई सुपर किंग्स सहित अन्य टीमों ने कहा कि वे सरकार के फैसले को मानेंगी। सीएसके के एक सूत्र ने कहा, 'शुरुआत में उनकी जगह लेना मुश्किल होगा लेकिन अगर देश की खातिर ऐसा किया जाता है तो हमें ऐसा करना चाहिए।''