'लोगों की राय नहीं बल्कि अपनी ताकत पर है फोकस'
'मैं हमेशा से ऐसा रहना पंसद करता रहा हूं। मैं लोगों की राय को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेता क्योंकि यह हर दिन बदलती रहती है यहां तक की हर घंटे भी। मैं हमेशा अपनी ताकत पर फोकस करता हूं कि मैं क्या कर सकता हूं और कितना काम खुद से ले सकता हूं। अगर आप खुद में यकीन नहीं करते हैं तो कोई भी आपकी मदद नहीं करेगा।' बुमराह ने अपनी बात की शुरुआत कुछ इस अंदाज में की।
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'बचपन में पता लगा स्पीड से गेंद फेंकता हूं'
बुमराह ने बताया वे क्रिकेट की शुरुआत उन्होंने टेनिस बॉल से की। जब उनके दोस्त बैटिंग करते थे तो वे उनको आउट करने के लिए बॉलिंग किया करते थे और बाद में उनको अपनी स्पीड का अहसास हुआ कि वे तेज गेंद फेंक सकते हैं। उस गेंद से कोई स्विंग नहीं मिलती ना ही विकेट से कोई मदद मिलती थी ऐसे में आपको हमेशा अपनी गति पर निर्भर रहना होता था। बुमराह ने कहा, 'यही कारण है कि मैं शुरु से स्पीड पर ध्यान देता था। मैं खुशनसीब हूं कि अपना सपना पूरा कर पाया।'
कैसे सीखी बुमराह ने खतरनाक योर्कर-
इसके अलावा बुमराह ने यह भी साफ किया कि उन्होंने कभी किसी तेज गेंदबाज के एक्शन की नकल करने की कोशिश नहीं की। बुमराह ने यार्कर गेंद में फेंकने में माहिर होने के पीछे की भी कहानी बताई। उन्होंने कहा टेनिस बॉल से गेंदबाजी करते समय मैं एक ही गेंद पर ज्यादा निर्भर करता था और यह थी यार्कर। लेकिन जब मैंने बाद में क्रिकेट को गंभीरता से लेना शुरू किया तब मुझे इस गेंद की अहमियत पता लगी। भले ही मैं यार्कर गेंद को स्वाभाविक तौर पर फेंक सकता हूं लेकिन आज भी मुझे इसके लिए कड़ी मेहनत करनी होती है।
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योगा और संगीत से मिलती है मानसिक ताकत-
वहीं अपने अजीबोगरीब एक्शन के बारे में बात करते हुए बुमराह ने कहा कि उनके लिए लगातार ट्रेनिंग करना जरूरी है ताकि वे फिजिकल स्ट्रैंथ बरकरार रख सकें और इसी एक्शन के साथ ज्यादा से ज्यादा समय तक गेंदबाजी कर सकें। इसके लिए बुमराह अपनी एक्सरसाइज के अलावा खान-पान का भी पूरा ध्यान रखते हैं। जबकि मानसिक ताकत हासिल करने के लिए वे संगीत को सुनते हैं और योगा करते हैं।