बीसीसीआई से कोई मासिक पेंशन नहीं लेते
इसी बीच कपिल ने क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए इंडियन क्रिकेट लीग जैसे प्रतियोगिता में अपना योगदान दिया था जो बाद में बैन हो गई और इसके बदले ही बीसीसीआई अपनी नई लीग का खाका खिंचने पर मजबूर हुआ। यह लीग थी- इंडियन प्रीमियम लीग यानी आईपीएल। आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि आज भी बीसीसीआई से कोई मासिक पेंशन नहीं लेते हैं। वे अपनी कमाई के लिए विज्ञापनों, पब्लिक अंपीयरेंस, क्रिकेट विश्लेषण और प्रेरणात्मक लेक्चर के जरिए पैसा जुटा लेते हैं। इसके अलावा उनका अपना बिजनेस भी चल रहा है जिसका नाम देव मुस्को लाइटिंग प्राइवेट लिमिटेड है।
चैरिटी होम में जाती है पेंशन
यह कंपनी खेल जगहों पर प्लडलाइट्स लगाने का काम करती है। हाल में ही कपिल ने 'हिंदु' से हुई बातचीत में बताया कि पिछले 25 सालों में उन्होंने बीसीसीआई से अपने खर्चे के लिए एक पैसा नहीं लिया है और उनके नाम से जो पेंशन बीसीसीआई जारी करता है वह चैरिटी होम में जाती है। जब कपिल से पूछा गया कि वे बीसीसीआई से अपने खर्चे का कोई पैसा क्यों नहीं लेते हैं तो उन्होंने इसके पीछा एक छोटी सी घटना बताई। उन्होंने कहा, 'अपने करियर के दिनों में मैंने देखा कि एक पूर्व कप्तान अपने भत्ते को पाने के लिए बीसीसीआई सचिव के कमरे के बाहर इंतजार कर रहे हैं।'
25 साल से क्यों नहीं लिया BCCI से एक भी पैसा?
कपिल ने आगे बताया, 'सचिव सो रहे थे और उनकी नींद में दखलअंदाजी नहीं की जा सकती थी। मुझे यह देखकर तकलीफ हुई और उसी दिन से मैंने यह तय कर लिया था कि संन्यास के बाद आर्थिक सहयोग के लिए बीसीसीआई पर निर्भर नहीं रहूंगा।' उसके बाद कपिल कहते हैं कि मैंने बीसीसीआई से पूरे जीवन में एक पैसा तक नहीं लिया। लेकिन इस कारण कपिल ने अपने जीवन जीने के अंदाज को कभी प्रभावित नहीं होने दिया। उन्होंने इसके लिए अपना बिजनेस खड़ा किया जिसमें उनकी पत्नी रोमी उनका साथ निभाती हैं। इन दोनों की शादी को 40 साल हो चुके हैं। कपिल की एक 23 साल की बेटी भी है जिसका नाम अमिया है।
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