नई दिल्ली। पिछले कुछ महीनों में क्रिकेट में नस्लवाद एक बड़ी चर्चा का विषय बन गया है। यूके में, यॉर्कशायर काउंटी क्रिकेट क्लब में नस्लवाद के बारे में अजीम रफीक के आरोपों ने इंग्लिश क्रिकेट में उथल-पुथल मचा दी थी। इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज कप्तान माइकल वॉन पर भी नस्लीय टिप्पणियों के आरोप लगे, जिसके बाद वॉन ने अपनी ओर से माफी मांगी। अब भारत के पूर्व स्पिनर लक्ष्मण शिवरामकृष्णन ने भी खुलासा किया है कि उनके साथ पूरी जिंदगी रंग का भेदभाव किया गया है।
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पूर्व स्पिनर लक्ष्मण एक ट्वीट का जवाब दे रहे थे। ट्वीट पर टिप्पणी करते हुए शिवरामकृष्णन ने कहा, "पूरी जिंदगी मेरी आलोचना की गई और रंग भेदभाव किया गया। इसलिए यह अब मुझे परेशान नहीं करता है। दुर्भाग्य से, यह हमारे अपने देश में होता है।" उन्होंने यह बात उस पोस्ट के जवाब में कहीं जिसमें कॉमेंटेटरों की ऑनलाइन ट्रोलिंग पर बात हो रही थी।
I have been criticised and colour discriminated all my life, so it doesn’t bother me anymore. This unfortunately happens in our own country
— Laxman Sivaramakrishnan (@LaxmanSivarama1) November 26, 2021
लक्ष्मण ने भारत के लिए 9 टेस्ट, 16 वनडे मैच खेले हैं। टेस्ट में उनके नाम 26 तो वनडे में 16 विकेट दर्ज रहे। वहीं प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 76 मैचों में 154 विकेट झटके थे। 1983 में उन्होंने टेस्ट के रूप में डेब्यू किया था, फिर आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच वनडे के रूप में 17 अक्तूबर 1987 को आया था। इससे पहले भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज अभिनव मुकुंद भी इसी मुद्दे पर बोल चुके हैं। मुकुंद ने ट्विटर पर एक लंबा बयान पोस्ट करते हुए कहा था, "मैं 15 साल की उम्र से अपने देश के भीतर और बाहर बहुत यात्रा कर रहा हूं। जब मैं छोटा था, मेरी त्वचा के रंग के प्रति लोगों का जुनून हमेशा मेरे लिए एक रहस्य रहा है। जो भी क्रिकेट का अनुसरण करता है, वह इसे समझेगा मैं धूप में पूरे दिन ट्रेनिंग करता और खेलता रहा हूं और कभी भी एक बार भी मुझे त्वचा के रंग के गहरे होने का पछतावा नहीं हुआ है। ऐसा इसलिये है क्योंकि मैं जो करता हूं, मुझे वो पसंद है और आउटडोर घंटों के अभ्यास के बाद ही मैं निश्चित चीजों को हासिल करने में सफल हुआ हूं। मैं चेन्नई से हूं जो देश के सबसे गर्म स्थानों में से एक है।''