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क्रिकेट को जकड़ने लगी है मेंटल हेल्थ की समस्या, क्या है इस पर द्रविड़ की राय

नई दिल्ली: क्रिकेट में जिस तेजी के साथ शारीरिक फिटनेस पर ध्यान दिया गया था उतनी ही निर्ममता से मानसिक फिटनेस को दरकिनार किया गया था। इस दौरान खिलाड़ियों को गलाकाट प्रतिस्पर्धा, प्रदर्शन करने का दबाव, शोहरत बनाए रखने का दबाव, इंटरनेशनल क्रिकेट में मानसिक गेम में विपक्षी से बेहतर साबित होने का दबाव आदि जैसी अनेकों चीजें हैं जिन्होंने एक खिलाड़ी के लिए उसकी मानसिक फिटनेस को भी उतना ही महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण बना दिया है जितना की शारीरिक फिटनेस होती है।

च्छे मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती

च्छे मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती

भारत के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ को लगता है कि अच्छे मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। क्रिकेट और खिलाड़ियों को व्यस्त कार्यक्रम और अनिश्चित भविष्य के तनाव को दूर करने के लिए हर चीज में संतुलन बनाना चाहिए। ईएसपीएन क्रिकइन्फो से बात करते हुए राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के निदेशक द्रविड़ ने कि जब कोई बाहर बहुत समय बिताता है तो सामना करना मुश्किल होता है। "यह एक बड़ी चुनौती है। यह एक कठिन खेल है। बहुत प्रतिस्पर्धा है, बहुत दबाव है, और लड़के अब पूरे वर्ष खेल रहे हैं। यह एक ऐसा खेल है जिसमें आप कभी-कभी बहुत समय बिताते हैं, इंतजार करते हैं, सोचने के लिए बहुत समय होता है। "

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कितनी अच्छी है क्रिकेट की 'मेंटल हेल्थ' ?

कितनी अच्छी है क्रिकेट की 'मेंटल हेल्थ' ?

बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के अनुभवी बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल और युवा विल पुकोव्स्की सहित तीन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों ने हाल ही में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों का हवाला देते हुए खेल से विराम ले लिया है। भारत के कप्तान विराट कोहली ने इस विषय पर बात करने के लिए मैक्सवेल की सराहना की और अपने करियर में एक समय को याद किया जब वे इस तरह की परेशानी से जूझ रहे थे। द्रविड़ ने कहा कि कड़ी प्रतिस्पर्धा की मांग है कि खिलाड़ी अपनी भलाई पर पर्याप्त ध्यान दें। उन्होंने कहा, "आपको वास्तव में अपने आप को मैदान पर और उसके बाद देखने की जरूरत है, और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल करने की आवश्यकता है।"

बहुत ज्यादा खुशी और गम के बीच संतुलन खोजें खिलाड़ी

बहुत ज्यादा खुशी और गम के बीच संतुलन खोजें खिलाड़ी

द्रविड़ ने इस बारे में लगातार बात करने पर जोर दिया और कहा कि यह वास्तव में महत्वपूर्ण है कि आप जो कुछ भी करते हैं उसमें एक निश्चित स्तर का संतुलन बनाए रखें। इसके लिए द्रविड़ ने उस स्थिति को बरकरार रखने का जिक्र किया जिसमें खिलाड़ी सफल होने पर ज्यादा खुश ना हों और विफल होने पर ज्यादा निराश ना हों। इसके साथ ही द्रविड़ ने ऐसे मामलों में संबंधित प्रोफेशनल व्यक्तियों की सेवाएं लेने का स्वागत किया है। द्रविड़ का मानना है कि एक खिलाड़ी या कोच जरूरी नहीं है कि मानसिक चीजों से निपटने के लिए जरूरी अनुभव और काबिलियत रखते हैं। इसलिए संस्थानों में प्रोफेशनल लोगों की सहायता ली जा सकती है।

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Story first published: Friday, November 29, 2019, 15:57 [IST]
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