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विक्टर फोर्स मुख्यालय पहुंचे धोनी-
धोनी बुधवार दोपहर को श्रीनगर पहुंच गए थे। वहां से वह सीधे दक्षिण कश्मीर स्थित सेना के विक्टर फोर्स मुख्यालय पहुंचे। बता दें कि धोनी जिस 106 टेरीटोरियल आर्मी में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल हैं, वह इसी फोर्स के अधीन है। विक्टर फोर्स राष्ट्रीय राइफल्स का ही एक अंग होता है और उसको कुछ खतरनाक मिशन को निपटाने का काम सौंपा जाता है। उत्तर-पूर्व के राज्यों में उग्रवाद पर काबू पाने के लिए 1990 में इसका गठन किया गया था। कश्मीर घाटी में राष्ट्रीय राइफल्स के विक्टर फोर्स की तैनाती अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और बडगाम में है।
आंतकियों के खिलाफ सक्रिय अभियानों में होंगे हिस्सा ?
यह पहले ही साफ हो चुका है कि धोनी अपनी ड्यूटी के दौरान एक सामान्य सैनिक अधिकारी के सभी कर्तव्यों को पूरा करेंगे। बताया जा रहा है कि उन्हें किसी भी मुठभेड़ या आतंकियों के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियानों से दूर रखा जाएगा। थलसेना प्रमुख विपिन रावत भी कह चुके हैं कि धोनी के साथ इस दौरान एक सैनिक की तरह ही व्यवहार किया जाएगा। उनको किसी तरह की सुरक्षा नहीं दी जाएगी। वह एक सैन्य अधिकारी के तौर पर यहां तैनात रहेंगे और वही काम करेंगे जो उनकी रैंक के अधिकारी की जिम्मेदारी है। यानी की वे सामान्य सैनिकों की तरह लोगों के रक्षक की भूमिका निभाएंगे।
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इससे पहले भी कश्मीर में दो बार आ चुके हैं-
यह धोनी का पहला कश्मीर अभियान नहीं है। वे 2012 में भी सेना के साथ एक सप्ताह का समय बिताने के दौरान कश्मीर में रहे थे। उस समय उन्होंने विभिन्न जगहों पर सैन्यकर्मियों और अधिकारियों के बीच जाकर उनका मनोबल बढ़ाया था। वह उड़ी सेक्टर के साथ एलओसी के साथ सटे इलाकों में भी गए थे। दूसरी बार धोनी 2017 में कश्मीर आए थे और तब भी उन्होंने कुछ सैन्य कार्यक्रमों में भाग लिया था।