नई दिल्ली: शुक्रवार (20 दिसंबर) को, राहुल द्रविड़ की अगुवाई वाली राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) ने बेंगलुरु में भारत के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का फिटनेस टेस्ट कराने से इनकार कर दिया था। इसने कई लोगों के बीच एक भ्रम पैदा कर दिया, लेकिन यह माना जाता है कि एनसीए ने खुद ही 25 वर्षीय गेंदबाज से कहा था कि वह अपने विशेषज्ञों से परामर्श करना जारी रखें, जो उनके पूरे इलाज की देखरेख कर रहे हैं।
जबकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के प्रमुख सौरव गांगुली ने इस बात का विरोध किया और कहा कि वह इस बारे में अपने पूर्व साथी खिलाड़ी राहुल द्रविड़ से अधिक जानकारी हासिल करने के लिए बात करेंगे। इसी बीच TOI ने एक सूत्र का हवाला देते हुए कहा: "बुमराह ने कभी भी अपने आप यह फैसला नहीं लिया है। उन्हें विशाखापत्तनम में रिपोर्ट करने और नेट में गेंदबाजी करने के लिए कहा गया, जो उन्होंने किया। उन्हें विशाखापत्तनम से बेंगलुरु में एनसीए की यात्रा करने के लिए कहा गया, उन्होंने निर्देश के अनुसार वो भी की। फिर एनसीए ने उन्हें बताया कि उनका टेस्ट नहीं किया जा सकता। उन्हें मुंबई लौटने के लिए कहा, और वे लौट गए।"
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सूत्र ने इस मामले से बुमराह को बख्श देने के लिए भी कहा।
उसने आगे कहा, "जो भी विवाद है, गेंदबाज को इससे बाहर रहने की जरूरत है। वह 24 साल का है और भारतीय क्रिकेट के लिए बेशकीमती है। लोगों को अपने अहम को एक तरफ रखना चाहिए और चोट प्रगति की दिशा में काम करना चाहिए, विवाद पैदा नहीं करना चाहिए। यह कभी भी क्रिकेटर का फैसला नहीं है। एक खिलाड़ी केवल वही करेगा जो उसे करने के लिए कहा जाता है। यदि राहुल (द्रविड़) ने एनसीए में बुमराह के फिटनेस टेस्ट को कराने का कोई मतलब नहीं देखा, तो उन्हें बीसीसीआई को इसके बारे में बताना चाहिए।
बुमराह अगस्त-सितंबर 2019 में वेस्टइंडीज दौरे के समापन के बाद से ही टीम से बाहर हो गए हैं। उन्होंने कैरिबियाई द्वीप में 13 विकेट लेकर एक शानदार दौरा किया था। उन्होंने टेस्ट सीरीज में एक हैट्रिक भी ली थी।
तब से, विराट कोहली के नेतृत्व वाली टीम इंडिया ने उनकी फिटनेस पर बारीकी से नजर रखी है। इस हफ्ते विशाखापट्टनम में भारत और वेस्टइंडीज के बीच दूसरे वनडे के बाद भी बुमराह को नेट्स में देखा गया।