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अश्विन ने बताया कैसे गिरते करियर के दौरान भी धोनी ने किया था सपॉर्ट

नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी को युवा खिलाड़ियों का समर्थन करने और उन्हें आगे बढ़ने के लिये प्रेरित करने के लिये जाना जाता है। ऐसी ही एक घटना का जिक्र करते हुए भारतीय टीम के अनुभवी ऑफ स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने बताया कैसे धोनी ने चैम्पियंस ट्रॉफी के दौरान उनका मनोबल तब बढ़ाया था जब वह एक विकेट के लिये तरस रहे थे। दरअसल भारतीय टेस्ट टीम के नियमित गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने माइंड मास्टर्स शो में शिरकत की और मेंटल कंडिशनिंग एवं स्किल्स को लेकर अपने विचार साझे किये।

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इस दौरान अश्विन ने यह भी बताया कि कैसे अपने करियर के दौरान हर खिलाड़ी को उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है और आपकी मानसिक मजबूती ही इसका सामना करने में मदद करती है। अश्विन ने अपनी मानसिक ताकत के बारे में बात करते हुए कहा कि जब आप मेंटली स्ट्रॉन्ग होते हैं तो आपको काफी मदद मिलती है, खासतौर से तब जब आप टीम से बाहर बेंच पर बैठे हों।

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मानसिक मजबूती से मिलती है वापसी में मदद

मानसिक मजबूती से मिलती है वापसी में मदद

इस बारे में बात करते हुए अश्विन ने कहा कि 2011 विश्व कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान जब वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे तो इससे उन्हें काफी मदद मिली थी। इस बारे में याद करते हुए उन्होंने एमएस धोनी और मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के साथ अपनी बात-चीत के बारे में बताया जिससे उन्हें वापसी करने में काफी मदद मिली।

2013 में धोनी ने दिखाया था विश्वास

2013 में धोनी ने दिखाया था विश्वास

साल 2013 में इंग्लैंड की मेजबानी में हुई चैम्पियंस ट्रॉफी को याद करते हुए अश्विन ने कहा कि उस वक्त धोनी ने उनमें काफी विश्वास दिखाया जिसके चलते उनका आत्मविश्वास बढ़ा और वह वापसी करने में कामयाब रहे।

उन्होंने कहा, '2013 की चैम्पियंस ट्रॉफी के पहले मैच में मुझे एक भी विकेट नहीं मिला था, मैंने बहुत कोशिश की लेकिन एक भी विकेट हासिल नहीं कर सका था। मैं बेंच पर बैठा था तभी धोनी मेरे पास आये और मुझसे बोले कि मैं शानदार गेंदबाजी कर रहा हूं। अपनी गेंदबाजी में कप्तान का विश्वास देखकर मैंने भी अगले मैच में वापसी की।'

सचिन ने की थी गेंदबाजी की तारीफ

सचिन ने की थी गेंदबाजी की तारीफ

गौरतलब है कि साल 2013 में भारत ने इंग्लैंड को फाइनल में हराकर चैम्पियंस ट्रॉफी के खिताब को जीतने का कारनामा किया था। इसके साथ ही अश्विन ने उस वाकये को याद किया जब भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने उनका आत्मविश्वास बढ़ाया था और उन्हें मेंटल स्ट्रेंथ हासिल करने में मदद की थी।

उन्होंने कहा, ' 2011 विश्व कप से पहले सचिन तेंदुलकर मेरे पास आए और उन्होंने मुझसे कहा कि आप नेट में बहुत अच्छी गेंदबाजी करते हो, आप ऐसे गेंदबाजी कर रहे हो जैसे कि मानो आप मैच में करते हो।'

Story first published: Sunday, May 17, 2020, 15:16 [IST]
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