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कोहली नही रवि शास्त्री के चलते भारत नहीं जीत पा रहा ICC की ट्रॉफी, बन गये हैं नये चोकर्स

नई दिल्ली। भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले गये विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल मैच में एक बार फिर से भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा जिसके चलते आईसीसी इवेंटस में खिताब न जीत पाने का सूखा एक बार फिर से बरकरार रहा। भारतीय टीम की इस हार के बाद फैन्स ने एक बार फिर से विराट कोहली की कप्तानी को निशाना बनाना शुरू कर दिया है और आईसीसी इवेंटस के फाइनल या सेमीफाइनल में पहुंच कर ट्रॉफी न जीत पाने के लिये उनकी कप्तानी को दोष देना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं कई फैन्स ने हद पार करते हुए भारतीय कप्तान विराट कोहली को पनौती बताते हुए टीम की कप्तानी से हटाने तक की मांग कर दी। ऐसे में क्या भारतीय कप्तान विराट कोहली की कप्तानी पर सवाल उठाना वाकई में सही है या फिर कोई और पहलू है जिस पर गौर करने की बात है।

और पढ़ें: WTC में जसप्रीत बुमराह के नाम हुआ अपमानजनक रिकॉर्ड, बल्लेबाजों की शर्मनाक लिस्ट में शामिल हुआ भारत

उल्लेखनीय है कि भारतीय कप्तान विराट ने आईसीसी ट्रॉफी के लिये अब तक सीनियर स्तर पर 3 बार भारतीय टीम का नेतृत्व किया है जबकि जूनियर स्तर पर एक बार, जिसमें भारत को अंडर-19 विश्व कप में जीत हासिल हुई। हालांकि 2016 में भारतीय टीम की कमान संभालने के बाद से ही भारतीय टीम ने उनके नेतृत्व कई शानदार सीरीज जीतने का काम किया है लेकिन आईसीसी ट्रॉफी के दौरान खिताब न जीत पाने को लेकर सिर्फ कोहली की कप्तानी पर दोष देना गलत होगा। ऐसे में हम उन पहलूओं पर नजर डालते हैं जिससे साफ होगा कि यह भारतीय कप्तान विराट कोहली से ज्यादा टीम मैनेजमेंट की गलती है जिसका नेतृत्व रवि शास्त्री के हाथों में है।

और पढ़ें: 5 गलतियां जो WTC फाइनल में भारत पर पड़ी भारी, टूटा खिताब जीतने का सपना

2014 से जुड़े रवि शास्त्री और शुरू हुआ टीम का खराब प्रदर्शन

2014 से जुड़े रवि शास्त्री और शुरू हुआ टीम का खराब प्रदर्शन

2011 में वनडे विश्व कप जीतने के बाद बीसीसीआई ने डंकन फ्लेचर को भारतीय टीम के नये कोच के रूप में नियुक्त किया जिनके नेतृत्व में टीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन करते हुए लगातार 8 सीरीज जीतने का काम किया और फिर 2013 की चैम्पियंस ट्रॉफी भी अपने नाम की। हालांकि इसके बाद से ही कोच फ्लेचर और बोर्ड के बीच कुछ बातों पर असहमति के चलते यह साफ हो गया कि उनका करार रिन्यू नहीं किया जायेगा। इस बीच साल 2014 में बीसीसीआई के लिये कॉमेंट्री करने वाले रवि शास्त्री भारतीय टीम से टीम डायरेक्टर के तौर पर जुड़े। भारत ने इस साल टी20 विश्व कप का फाइनल मैच खेला जिसमें उसे श्रीलंका के हाथों हार का सामना करना पड़ा, तो वहीं पर 2015 वनडे विश्व कप में उसे ऑस्ट्रेलिया ने बाहर करने का काम किया। इस हार के साथ ही डंकन फ्लेचर को बतौर कोच बाहर होना पड़ा और रवि शास्त्री ने बतौर टीम डायरेक्टर टीम का नेतृत्व करना जारी रखा।

अनिल कुंबले से विराट का विवाद और शास्त्री की वापसी

अनिल कुंबले से विराट का विवाद और शास्त्री की वापसी

भारतीय टीम ने 2015 से लेकर 2016 टी20 विश्व कप के बीच रवि शास्त्री के टीम डायरेक्टर और कोच के तौर पर ही खेलने का काम किया। हालांकि जब भारत की मेजबानी में खेले गये टी20 विश्व कप में एक बार फिर से विराट सेना को हार का सामना करना पड़ा तो बीसीसीआई को टीम इंडिया में कोच के लिये अलग खिलाड़ी की जरूरत लगी, इसे देखते हुए बोर्ड ने अनिल कुंबले को टीम का नया कोच बनाया। अनिल कुंबले की कोचिंग में विराट सेना बेहतर तो हुई लेकिन इस दौरान विराट कोहली और कुंबले के बीच विवाद की खबरें भी सामने आई। रिपोर्ट की मानें तो इन विवादों के पीछे शास्त्री का ही हाथ था, जिसके तहत कोहली को शास्त्री के साथ अपनी जुगलबंदी ज्यादा पसंद थी जबकि कुंबले के साथ उनकी केमिस्ट्री जम नहीं रही थी। इसका खामियाजा 2017 की चैम्पियन्स ट्रॉफी में देखने को मिला, जहां पर कुंबले अपने साथ कलाई के स्पिनर्स को ले जाना चाहते थे लेकिन कोहली ने फिंगर स्पिनर्स के तौर पर जडेजा-अश्विन को ले जाने पर जोर दिया। नतीजा भारत को फाइनल में शर्मनाक हार का शामना करना पड़ा। इसके साथ ही कुंबले ने अपने कोच पद से इस्तीफा दे दिया और एक बार फिर से टीम में रवि शास्त्री के बतौर कोच के रूप में वापसी हुई।

2017 से 2021 के बीच दो आईसीसी इवेंटस में फ्लॉप हुए हैं शास्त्री

2017 से 2021 के बीच दो आईसीसी इवेंटस में फ्लॉप हुए हैं शास्त्री

साल 2017 के बाद से रवि शास्त्री ही भारतीय टीम के कोच के रूप में काम कर रहे हैं। 2020 में होने वाले टी20 विश्व कप को देखते हुए उनका करार बढ़ाया गया था लेकिन कोरोना वायरस के स्थगित होने के चलते बीसीसीआई ने उनके करार को अक्टूबर में होने वाले टी20 विश्व कप तक जारी रखने का फैसला किया है। इस बीच शास्त्री के नेतृत्व में भारत को 2019 विश्व कप में सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा तो 2021 के टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में भी हार कर बाहर होना पड़ा। इस दौरान भले ही भारतीय टीम ने लीग दौर में शानदार प्रदर्शन कर अपना दबदबा कायम किया हो लेकिन जब नॉकआउट मुकाबलों की बात हो तो वो फुस्स नजर आती है। जिसे देखते हुए भारतीय कप्तान विराट कोहली के बजाय टीम मैनेजमेंट को लेकर सवाल उठने चाहिये कि आखिरकार क्यों नॉकआउट मुकाबलों में वो रिजल्ट देने में नाकाम हो रहे हैं। ऐसा लग रहा है मानों भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका से नये चोकर्स का तमगा अपने नाम कर लिया है।

Story first published: Thursday, June 24, 2021, 16:50 [IST]
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