पोंटिंग ने जाहिर की खुशी:
पोंटिंग ने इस अवसर पर अपनी खुशी प्रकट करते हुए कहा- 'इस सम्मान को पाकर मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। एक खिलाड़ी के तौर पर मैंने हर पल का लुत्फ उठाया और इस दौरान मैंने और टीम ने जो कुछ भी हासिल किया, उसका मुझे बहुत गर्व है। ये मेरे टीम के साथियों, कोच और सपोर्ट स्टाफ के योगदान के बिना संभव नहीं था।' गौरतलब है कि पोंटिंग की कप्तानी के अंतर्गत ऑस्ट्रेलिया ने लगातार दो विश्व कप जीते थे। इसमें 2003 और 2007 का वर्ल्ड कप शामिल है। जबकी एक खिलाड़ी के तौर पर पोंटिंग ने कुल तीन (1999 का विश्वकप मिलाकर) विश्वकप जीते।
सचिन को क्यों नहीं मिला है अब तक यह सम्मान:
87 लोगों को अबतक इस सम्मानित किया जा चुका है। सचिन तेंदुलकर ने अब तक लगभग रिकॉर्ड और पुरस्कार अपने नाम किए हैं लेकिन हॉल ऑफ फेम की बात आती है तो इस खिलाड़ी का नाम इस लिस्ट में नहीं आता है। ऐसे में फैंस जानना चाहते हैं कि सचिन को यह सम्मान क्यों नहीं
मिला है।
क्या है वजह:
आईसीसी के नियमों की वजह से अब तक आईसीसी हॉल ऑफ फेम में जगह नहीं मिली है। नियमानुसार जिन खिलाड़ियों ने पिछले पांच साल में किसी तरह की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेली हो उनका नाम हॉल हॉफ फेम में शामिल हो सकता है। सचिन तेंदुलकर ने नवंबर 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ मुंबई में 200वां टेस्ट खेलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा था। ऐसे में उन्हें इस सम्मान को पाने के लिए कम से कम 5 महीने और इंतजार करना पड़ेगा।
द्रविड़ हैं पांचवें भारतीय खिलाड़ी:
बता दें कि हॉल ऑफ फेम पांच भारतीय खिलाड़ियों को मिला है। भारत की ओर से इस लिस्ट में बिशन सिंह बेदी, कपिल देव, सुनील गावस्कर और अनिल कुंबले हैं।
क्या होता है हॉल ऑफ फेम पुरस्कार:
आईसीसी की 100वीं सालगिरह पर फेडरेशन ऑफ इंटरनैशनल क्रिकेटर्स असोसिएशन(FICA) ने आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम 2 जनवरी 2009 को लॉन्च किया गया थ। आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम के जरिए क्रिकेट इतिहास के लेजेंड खिलाड़ियों की उपलब्धियों को पहचान दी जाती है और सम्मान दिया जाता है।