नई दिल्ली। क्रिकेट के प्रारुपों में हमेशा कोई न कोई बदलाव होता रहा है। हर बदलाव के साथ यह खेल निखरता गया है और इसकी लोकप्रियता में भी इजाफा हुआ है। गौरतलब हो कि लंबे समय से टेस्ट क्रिकेट को डे नाइट में खेलने की बातों पर जोर दिया जा रहा है। इसके पक्ष में कुछ देश तो दिखते हैं लेकिन भारत जैसे देश इस पक्ष में खड़े नहीं दिखते। वहीं अब भारत के इस रुख पर पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर का मानना है कि दिन-रात्रि टेस्ट मैचों से दर्शकों की संख्या में इजाफा होगा और सोमवार को इस बात पर हैरानी व्यक्त की कि भारत इसे अपनाने के खिलाफ क्यों है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट के बजाय टी20 लीग में खेलना इसलिये पंसद कर रहे हैं क्योंकि छोटे प्रारूप में काफी धन राशि होती है। मांजरेकर ने कहा, 'ज्यादा से ज्यादा लोगों को टेस्ट क्रिकेट के प्रति रूझाने, दर्शकों की संख्या बढ़ाने, लोकप्रियता बढ़ाने का एकमात्र तरीका दिन-रात्रि टेस्ट मैच हैं।'
कही ये बड़ी बातः इस पूर्व खिलाड़ी ने क्रिकेट क्लब आफ इंडिया में नौंवे दिलीप सरदेसाई स्मारक व्याख्यान में भाषण देते हुए हैरानी व्यक्त की, 'हम ज्यादा दिन-रात्रि टेस्ट मैच क्यों नहीं खेल रहे हैं, जबकि पता है कि इससे दर्शकों की संख्या में और इजाफा ही होगा। उन्होंने कहा, ''भारत ने हाल में एक पेशकश को ठुकरा दिया - क्योंकि खिलाड़ी इसमें खेलने से भयभीत हैं, गुलाबी गेंद और ओस में नहीं खेलना चाहते। भारत के लिये 74 वनडे खेल चुके 53 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ''मेरा हमेशा ही मानना रहा है कि परिस्थितियां तब तक अनुचित नहीं होती जब तक ये दोनों टीमों के लिये एक सी हैं। मांजरेकर ने कहा, 'आज टेस्ट क्रिकेट खाली स्टैंड के सामने खेला जाता है और आईपीएल 50,000 से ज्यादा जुनूनी लोगों के सामने जिसे लाखों लोग टीवी पर देखते हैं।
ये भी पढ़ें इस गेंदबाज के सामने बल्लेबाजी करने में घबराते थे वीरेंद्र सहवाग और शाहिद अफरीदी, खुद किया खुलासा
उन्होंने कहा, ''हर हालत में खिलाड़ी आईपीएल में खेलना चाहते हैं, जिसके बाद और इसके दौरान खिलाड़ियों को कितनी ही चोटें लगती हैं। आईपीएल से आपको शोहरत और धन मिलता है, कौन इसे न कहेगा? मांजरेकर ने कहा, ''साथ ही टेस्ट क्रिकेट इतना मुश्किल है, इसलिये हैरानी की बात नहीं है कि कई क्रिकेटर टेस्ट क्रिकेट के बजाय टी20 लीग को चुन रहे हैं। गौरतलब हो कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने के प्रस्ताव को भारत ने सिरे से मना कर दिया था। वहीं इसकी सफाई में रवि शास्त्री ने कहा था कि भारत 2019 के मुकाबले से पहले किसी भी तरह का प्रयोग नहीं करना चाहता है। वहीं एडुल्जी से जब डे-नाइट टेस्ट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम इस दिशा में प्रयासरत हैं।