संजू सैमसन
यूं तो राहुल द्रविड़ ने युवा प्रतिभा को तराशकर कुशल खिलाड़ियों की एक फौज खड़ी की है। ऐसा वह अपने क्रिकेट करियर से सन्यास लेने के बाद से ही कर रहे हैं। द्रविड़ के मार्गदर्शन में ही कुलदीप यादव, मयंक अग्रवाल, श्रेयस अय्यर, पृथ्वी शॉ, ऋषभ पंत आदि जैसे युवा खिलाड़ी उभरकर आये हैं जिन्होंने अपने प्रदर्शन से सबको आकर्षित किया है। वर्तमान में नेशनल क्रिकेट अकादमी के प्रमुख के तौर पर द्रविड़ अपनी सेवा दे रहे हैं जिसे भारतीय क्रिकेट का 'सप्लाई लाइन' माना जाता है। संजू सैमसन को भी राहुल ने और खूब तराशा है जबसे वह राजस्थान रॉयल टीम से जुड़े थे। दूसरी बार ट्वेंटी-ट्वेंटी श्रृंखला के लिए चुने गए संजू ने द्रविड़ को इसका श्रेय भी दिया है। यह श्रृंखला बांग्लादेश के साथ है। खैर, ये बातें अपनी जगह हैं। यहां हम खिलाड़ियों में संभावनाओं को उनके तकनीक, प्रदर्शन और नेतृत्व गुणों के जुगलबंदी में देखने जा रहे हैं।
संजू सैमसन सबसे कम उम्र के भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने रणजी मैचों में कप्तानी की है। भारतीय अंडर 19 टीम के उप कप्तान भी रहे हैं। संजू सैमसन बल्लेबाजी के साथ साथ एक अच्छे विकेट कीपर भी हैं। यूएई में होने वाले अंडर 19 के विश्वकप में सैमसन के नेतृत्व में ही भारतीय टीम वहाँ गई थी। हालांकि टीम सेमीफाइनल तक नहीं पहुंच सकी लेकिन संजू ही सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। घरेलू क्रिकेट और प्रथम श्रेणी में भी उनका प्रदर्शन उम्दा रहा है। इन बातों को छोड़कर हाल के प्रदर्शन पर भी गौर करें तो यह दिखता है संजू समय के साथ था निखरते जा रहे हैं। आईपीएल 2017 के सीजन में पहला शतक लगाने वाला बल्लेबाज संजू ही थे। इस सीजन के 14 मैचों में 386 रन बनाए। आईपीएल 2018 के सीजन में 15 मैचों में 441 रन और सीजन 2019 के 12 मैचों में 342 रन जिसमें एक शतक भी शामिल है। ये सारे आंकड़े यह बताते हैं कि संजू के खेल में गहराई है। वह गेंदों को हिट भी कर सकते हैं और लंबी पारी भी खेल सकते हैं। यह बात और भी पुख्ता हो जाता जब हाल में हुए विजय हज़ारे ट्रॉफी के मैच में संजू केरल की ओर से खेलते हुए गोवा के विरुद्ध 129 गेंदों पर 212 रनों की नाबाद पारी को देखते हैं जिसमें 21 चौके और 10 छक्के शामिल रहे। विजय हजारे ट्रॉफी में किसी भी बल्लेबाज द्वारा बनाया गया यह सबसे बड़ा स्कोर है। और यह यह शैली रोहित शर्मा के काफी करीब भी है। गौतम गंभीर को भी संजू से काफी उम्मीदें हैं। इनके चयन पर गंभीर ने खुशी व्यक्त भी की है।
श्रेयस अय्यर
राहुल द्रविड़ के तरकश से निकले तीर श्रेयस अय्यर भी हैं। श्रेयस के निखरने में राहुल द्रविड़ का मार्गदर्शन एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। श्रेयस के खेल शैली में आक्रामकता भी है और सजगता भी। श्रेयस बल्लेबाज के साथ साथ वैकल्पिक ऑफ ब्रेक बॉलर भी हैं। श्रेयस अय्यर ने 2014 में यूनाइटेड किंगडम के दौरे में ट्रेंट ब्रिज की क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया था और 99 की औसत से 297 रन बनाए थे जिसमें इनका सर्वाधिक स्कोर 171 था जो कि एक रिकॉर्ड था। उनका ऐसा प्रदर्शन यह दिखाता है कि उनमें लंबी पारी खेलने की क्षमता है। जरूरत है उसे निखारते रहने की। फिलहाल श्रेयस आईपीएल की टीम दिल्ली कैपिटल्स (दिल्ली डेयरडेविल्स) के कप्तान भी हैं। इनकी कप्तानी में ही दिल्ली का प्रदर्शन सुधरा है, इसमें कोई दो राय नहीं है। 2018 के आईपीएल सीजन में अय्यर नें 14 मैचों में 37.3 के औसत से 411 रन बनाए जिसमें 93 रनों की एक पारी भी थी। वहीं 2019 सीजन के 16 पारियों में 463 रन बनाए हैं। अगर बात करें वन डे मैचों की तो 9 पारियों में 49.4 के औसत से 346 रन बनाये हैं। लेकिन जो बात श्रयेस को खास बनाती है वह है उनका हाल में वेस्टइंडीज टीम के खिलाफ किया गया प्रदर्शन, जिसमें आक्रामकता और सूझबूझ का मिश्रण दिखा है। वेस्टइंडीज के साथ दूसरे एकदिवसीय मैच में 68 गेंदों पर 71 रनों की पारी तब खेली जब टीम को एक छोर संभालने की जिम्मेदारी थी। फिर तीसरे एकदिवसीय मैच में श्रेयस का आक्रमक शैली दिखा जिसमें उन्होंने 41 गेंदों पर 65 रनों की उपयोगी पारी खेली। अगर ऐसा ही उम्दा और परिस्थितियों से तालमेल करने का प्रदर्शन जारी रहे तो इसमें कोई शक नहीं कि अय्यर भी हिट मैन होंगे।
पृथ्वी शॉ
भारतीय टीम का हिस्सा होने से पहले ही घरेलू क्रिकेट में पृथ्वी शॉ की धूम थी। सचिन तेंदुलकर ने खुद पृथ्वी शॉ की तारीफ की थी। पृथ्वी शॉ ने स्कूल क्रिकेट में सचिन के ही अंदाज में खेलते हुए 546 रनों का विश्व रिकॉर्ड बनाया था। उसके बाद वो अंडर-19 टीम के कप्तान बने और भारत ने 2017 में अंडर-19 विश्व कप भी जीत लिया। यही नहीं पृथ्वी ने रणजी ट्रॉफी के अपने डेब्यू मैच में शतक लगाया था। फिर शॉ ने दिलीप ट्रॉफी के पहले मैच में भी शतक जड़कर सचिन के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। शार्ट चयन से लेकर खेल की समझ पृथ्वी को और खिलाड़ियों से अलग करता है। अपने कैरियर के टेस्ट डेब्यू में ही शतक लगाकर फिर से सनसनी फैला दिया था। सबसे कम उम्र में अपने डेब्यू मैच में शतक लगाने का यह रिकॉर्ड है। आईपीएल सीजन 2019 में दिल्ली कैपिटल्स (दिल्ली डेयरडेविल्स) की टीम के तरफ से खेलते हुए 16 मैचों में 353 रन बनाए हैं।
फिलहाल एक कफ सिरफ पीने की वजह से डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने की वजह से उनपर 8 महीने का प्रतिबंध लगा था जो कि नवंबर 15 को खत्म हो जाएगा। पृथ्वी अभी 19 साल के हैं। आगे उनमें खेल की समझ और गहराई और भी विकसित होगी। वापसी के बाद अगर उनके प्रदर्शन में निरंतरता रहता रहता है तो इसमें शक की तनिक भी गुंजाइश नहीं है कि उनके हिट-मैन बनने की राह में कोई बाधा भी आएगी।
अगर अपने प्रदर्शन को समय के साथ और निखारते जाते हैं तो इन सारे खिलाड़ियों का खेल आने वाले क्रिकेटरों के लिए 'माइलस्टोन' होने की काबिलियत रखता है।