डरपोक नहीं थे सौरव गांगुली
शोएब अख्तर ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि वो जानते थे कि सौरव गांगुली के पास बेहद सीमित तरह के शॉटस थे, इसिलये उन्होंने कई बार जान-बूझकर सौरव-गांगुली के शरीर पर गेंदों को निशाना बनाकर फेंका था। लेकिन इसके बावजूद सौरव गांगुली उन्हें खेलने से पीछे नहीं हटे।
उन्होंने कहा,' मैं जानता था कि सौरव गांगुली के पास सीमित शॉट्स हैं। मैंने भी कई बार उनके 'चेस्ट' को निशाना बनाया लेकिन वो कभी पीछे नहीं हटे। इन बातों के बाद भी उन्होंने रन बनाए जिसे मैं बहादुरी कहता हूं। मेरे हिसाब से भारत ने आज तक उनसे बेहतर कप्तान पैदा नहीं किया। धोनी निश्चित तौर पर शानदार कप्तान रहे हैं लेकिन 'टीम बिल्डिंग' के लिहाज से गांगुली जैसा कोई नहीं।'
शार्ट पिच गेंदबाजों से परेशान होते थे सौरव गांगुली
शोएब अख्तर ने भारतीय कप्तान सौरव गांगुली की तारीफ करते हुए कहा कि वो भारत के सर्वश्रेष्ठ कप्तान थे जिनके खिलाफ वो खेले। उल्लेखनीय है कि सौरव गांगुली को भारत के सबसे महान बल्लेबाजों में से एक गिना जाता है, इतना ही नहीं भारतीय टीम के महान खिलाड़ी राहुल द्रविड़ ने उनकी बल्लेबाजी की तारीफ करते हुए कहा था कि गांगुली ऑफ साइड के भगवान माने जाते हैं।
सीमित ओवर्स प्रारूप में सौरव गांगुली ने स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ शानदार बल्लेबाजी की, हालांकि इन सबके बावजूद उन्हें शॉर्ट पिच गेंदबाजों के खिलाफ काफी परेशानी महसूस होती थी। यही वजह है कि साल 2000 के आस पास शोएब अख्तर, शॉन पोलक, ग्लेन मैग्रा, ब्रेट ली जैसे गेंदबाजों ने सौरव गांगुली को काफी परेशान किया।
ऐसा रहा था गांगुली का करियर
गौरतलब है कि सौरव गांगुली ने भारत के लिये 113 टेस्ट मैचों में शिरकत की थी और इस दौरान 311 वनडे मैच भी खेले। सौरव गांगुली ने अपने करियर के दौरान 7212 टेस्ट और 11363 वनडे रन बनाये। इस दौरान उन्होंने 23 वनडे शतक लगाये जो कि सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाजों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर आते हैं।
इस लिस्ट में सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली के बाद गांगुली ही इस नंबर पर तीसरे हैं। गांगुली की कप्तानी में ही भारतीय टीम 2003 के विश्व कप के फाइनल तक पहुंची थी।