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ना धोनी, ना युवराज, सुरेश रैना ने बताया किसकी वजह से हम जीत पाए 2011 वर्ल्ड कप

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के लिए साल 2011 अहम पलों में से एक है जब टीम ने दूसरी बार आईसीसी विश्व कप का खिताब जीता था। भारत ने पहले 1983 में कपिल देव की कप्तानी में खिताब जीता था फिर धोनी ने यह काम किया। फाइनल में श्रीलंका को धूल चटाने में धोनी की अहम भूमिका रही जिन्होंने छक्का लगाकर टीम को जितवाया था। वहीं पूरे टूर्नामेंट युवराज सिंह ने भी अहम रोल निभाया। इन दोनों खिलाड़ियों को खिताब जीतने के लिए तवज्जो मिली। लेकिन सुरेश रैना ने बताया कि वर्ल्ड कप जीतने का श्रेय किसी और को नहीं बल्कि एक व्यक्ति को जाता है।

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सचिन की वजह से मिली कामयाबी

सचिन की वजह से मिली कामयाबी

रैना के अनुसार सचिन तेंदुलकर के कारण टीम वर्ल्ड कप ख़िताब जीतने में कामयाब रही। उन्होंने सचिन तेंदुलकर के शांत स्वभाव को इसका क्रेडिट देते हुए कहा कि उनकी वजह से टीम ने कप जीता।खलीज टाइम्स से बातचीत करते हुए रैना ने कहा कि सचिन शांत रहते हैं। यह सचिन के कारण ही सम्भव हुआ कि हम वह कप जीत पाए। वे ऐसे इंसान टीम में थे जिन्होंने हर एक खिलाड़ी को विश्वास दिलाया कि हां हम यह कर सकते हैं। सचिन टीम में दूसरे कोच की तरह थे।

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पूरी टीम में था जोश

पूरी टीम में था जोश

बता दें कि सचिन का आखिरी वर्ल्ड था, वहीं संन्यास के करीब भी थे। ऐसे में पूरी टीम में खिताब पाने का जोश बना रहा ताकि क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन के यादगार विदाई दी जाए। सचिन ने 9 मैचों में 482 रन बनाए थे। फाइनल में उनका बल्ला नहीं चला था लेकिन अन्य मैचों में उन्होंने उम्दा बल्लेबाजी की थी।

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युवराज रहे थे मैन ऑफ द टूर्नामेंट

युवराज रहे थे मैन ऑफ द टूर्नामेंट

भारत के लिए 2011 का वर्ल्ड कप यादगार है क्योंकि 28 साल बाद टीम ने खिताब जीता था। सचिन तेंदुलकर के लिए यह अंतिम वर्ल्ड कप था और इसमें खिताबी जीत से उनके लिए यह और ज्यादा खास हो गया। फाइनल में गौतम गंभीर और महेंद्र सिंह धोनी ने बेहतरीन पारियां खेली। इस वर्ल्ड कप का नाम आते ही गंभीर और धोनी का नाम आना स्वाभाविक है। युवराज सिंह ने गेंद और बल्ले से जबरदस्त खेल दिखाते हुए मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे थे।

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Story first published: Monday, May 4, 2020, 17:27 [IST]
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