सही टीम कॉम्बिनेशन की परेशानी
भारतीय टीम के खिलाड़ी काफी समय से यूएई में आईपीएल खेल रहे थे, ऐसे में उन्हें यहां की परिस्थितियों और पिच का काफी अंदाजा हो गया है, हालांकि टूर्नामेंट में उतरने से पहले विराट सेना एकजुट होकर अभ्यास करना चाह रही थी, जिसका अनुभव उसे इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वॉर्म अप मैचों से मिला। भारतीय टीम ने दो वार्म अप मैच खेले लेकिन उसके लिये सही टीम कॉम्बिनेशन का चुनाव करना अभी भी बड़ी पहेली नजर आ रही है। भारतीय टीम ने पहले वॉर्म अप मैच में 5 मुख्य गेंदबाज के टेम्पलेट का इस्तेमाल किया जबकि दूसरे मैच में उसने 6 मुख्य गेंदबाज और विराट कोहली के रूप में अतिरिक्त बॉलर का इस्तेमाल किया।पहले वॉर्म अप मैच में विराट कोहली ने सिर्फ 5 मुख्य गेंदबाज (जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, राहुल चाहर, भुवनेश्वर कुमार और रविचंद्रन अश्विन) का इस्तेमाल किया ताकि अगर टीम सिर्फ 5 गेंदबाजों के साथ जाने का फैसला करती है तो वह कितना प्रभावी होगा। हालांकि यह टेम्पलेट थोड़ा फ्लॉप रहा और इस मैच में इंग्लैंड की टीम ने 188 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया।
भारतीय बल्लेबाजों ने इसे आसानी से चेज कर लिया लेकिन अगर किसी मैच में उसके टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज जल्दी आउट हो गये तो आपके आखिरी 5 खिलाड़ी बल्लेबाजी में काफी कमजोर नजर आते हैं। वहीं दूसरे वॉर्म अप गेम में रोहित शर्मा ने 7 गेंदबाजों (भुवनेश्वर कुमार, आर अश्विन, राहुल चाहर, रविंद्र जडेजा, शार्दुल ठाकुर, वरुण चक्रवर्ती और विराट कोहली) का इस्तेमाल किया। इस मैच में भारतीय टीम ने कंगारुओं को 152 के स्कोर पर ही रोक दिया। ऐसे में विराट कोहली के लिये टीम का सही कॉम्बिनेशन तैयार करने की चुनौती है कि वो दुबई के मैदान पर 3 पेसर, एक स्पिनर और एक स्पिन ऑलराउंडर के साथ जाते हैं या फिर 2 पेसर, 2 स्पिनर और एक स्पिन आलराउंडर के साथ जाते हैं।
हार्दिक पांड्या की गेंदबाजी न करने से पैदा हुआ असंतुलन
उल्लेखनीय है कि भारतीय टीम के दूसरे वार्म अप मैच के दौरान कप्तानी कर रहे रोहित शर्मा ने साफ कर दिया कि हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पांड्या चोट की वजह से अभी कुछ समय तक गेंदबाजी नहीं करेंगे और मैच में फिनिशर की भूमिका निभायेंगे। ऐसे में भारतीय टीम को छठे गेंदबाजी विकल्प को ढूंढना जरूरी है जो कि हार्दिक पांड्या की गेंदबाजी न करने से पैदा होने वाले असंतुलन को संतुलित कर सके। इसी बात को ध्यान में रखते हुए कप्तान विराट कोहली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वॉर्म अप मैच में गेंदबाजी करते नजर आये, जहां पर उन्होंने 2 ओवर फेंक कर सिर्फ 12 रन दिये। कोहली के अलावा यह भूमिका खुद रोहित शर्मा भी निभा सकते हैं जो कि आईपीएल के शुरुआती सीजन में डेक्कन चार्जर्स के लिये गेंदबाजी भी करते थे और मुंबई इंडियंस के खिलाफ हैट्रिक लेने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है। हालांकि हार्दिक पांड्या की गेंदबाजी के अलावा बल्लेबाजी में भी कोई खास धार नजर नहीं आ रही है जो कि बड़ा सिरदर्द पैदा कर रही है।
दोनों वार्म अप मैच में बल्लेबाजी करते हुए हार्दिक पांड्या बस जोर लगाते नजर आये जबकि उनके शॉट्स की टाइमिंग मिस मैच नजर आयी। इससे पहले आईपीएल में भी हार्दिक पांड्या संघर्ष करते नजर आये। ऐसे में क्या भारतीय टीम हार्दिक पांड्या को ड्रॉप कर शार्दुल ठाकुर को मौका दे सकती है जो कि गेंदबाजी में विकेट लेने के साथ ही बल्लेबाजी का हुनर भी रखते हैं। भारत को जल्द ही यह गुत्थी सुलझानी पड़ेगी क्योंकि थोड़ी सी गलती उस पर काफी भारी पड़ सकती है।
सही स्पेशलिस्ट स्पिनर का चयन
भारतीय टीम के लिये पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले तीसरा अहम सवाल सही स्पिनर का चयन करना है। विराट कोहली की प्लेइंग 11 में रविंद्र जडेजा की बल्लेबाजी स्किल्स के चलते जगह पक्की मानी जा रही है तो ऐसे में टीम के पास एक स्पिन गेंदबाज की जगह और बचती है। वार्म अप मैच के दौरान भारतीय टीम ने राहुल चाहर, रविचंद्रन अश्विन और वरुण चक्रवर्ती से भी गेंदबाजी करायी ताकि इसका फैसला किया जा सके। पहले मैच में विकेट लेने में नाकाम रहे रविचंद्रन अश्विन ने दोनों मैचों में किफायती गेंदबाजी की जबकि दूसरे मैच में लगातार दो गेंदों में दो विकेट हासिल किये, वहीं पर राहुल चाहर ने दोनों मैचों में एक-एक विकेट हासिल किया लेकिन गेंदबाजी में काफी महंगे साबित हुए और दोनों मैचों में 40 के आस-पास रन लुटाये। इन दोनों के अलावा वरुण चक्रवर्ती ने भी दो ओवर गेंदबाजी की लेकिन उसमें वो असरदार नहीं दिखे और काफी महंगे साबित हुए। ऐसे में विराट कोहली पाकिस्तान के खिलाफ अश्विन की बल्लेबाजी स्किल्स और अनुभव के तहत टीम में शामिल करने के इच्छुक हो सकते हैं लेकिन वरुण चक्रवर्ती की मिस्ट्री गेंदबाजी टीम के लिये गेमचेंजर साबित हो सकती है। ऐसे में उन्हें इस पर जल्द ही फैसला लेना होगा।