डिकॉक ने घुटने टेकने से किया इंकार
क्रिकेट साउथ अफ्रीका ने सोमवार को अपनी टीम के सभी खिलाड़ियों को दिशा निर्देश जारी किये थे कि मैच से पहले टीम के हर खिलाड़ी को ब्लैक लाइव्स मैटर के तहत विश्वकप में किये जा रहे बेंड द नी (घुटने पर बैठना) मूवमेंट का हिस्सा बनना है। लेकिन क्विंटन डिकॉक ने ऐसा करने से इंकार कर दिया और इसी के चलते वो इस मैच का हिस्सा नहीं बने। डिकॉक की गैर मौजूदगी में रीजा हेंड्रिक्स को प्लेइंग 11 में जगह दी गई जिन्होंने अपने पहले मैच में 39 रनों की अहम पारी खेलकर जीत में योगदान दिया।
क्विंटन डिकॉक ने इससे पहले भी वेस्टइंडीज दौरे पर घुटने नहीं टेके थे और जब उनसे इसको लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने साफ किया था कि यह उनकी निजी च्वाइस है और आप किसी को भी कुछ करने के लिये मजबूर नहीं कर सकते हैं। ऐसे में एक नया सवाल उठ खड़ा हुआ है कि अगर क्रिकेट साउथ अफ्रीका डिकॉक को इस अभियान का हिस्सा न बनने के लिये एक मैच से बाहर बिठा सकता है तो क्या विश्वकप के बचे हुए मैचों में वो टीम के लिये वापसी कर सकेंगे या नहीं।
डिकॉक के फैसले से पूरी टीम थी हैरान
मैच के बाद साउथ अफ्रीका के कप्तान टेंबा बावुमा से डिकॉक के फैसले को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सिर्फ मैं ही नहीं हमारी पूरी टीम उनके वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच न खेलने के फैसले से हैरान थी, हालांकि यह उनका फैसला है और हम उसका सम्मान करते हैं।
उन्होंने कहा,'एक टीम के तौर पर हम यह खबर सुनने के बाद काफी हैरान रह गये थे। क्विंटन डिकॉक हमारी टीम के लिये बहुत अहम सिर्फ बल्लेबाज के रूप में ही नहीं बल्कि एक सीनियर खिलाड़ी के तौर पर भी, ऐसे में उनका टीम में न होना एक कप्तान के रूप में मेरे लिये थोड़ा बैकफुट पर भेजने वाला फैसला था, क्योंकि मैं उनके अनुभव का फायदा लेने की ओर देख रहा था। उनके फैसले की बात करूं तो क्विंटन एक एडल्ट हैं और वो अपनी बात पर टिके रहने वाले लोगों में से हैं। हम उनके फैसले और विश्वास का सम्मान करते हैं और मुझे पता है कि वो जिसमें विश्वास रखते हैं उस पर टिके रहेंगे।'
विश्वकप में आगे खेलने को लेकर जानें क्या बोले बावुमा
वहीं जब मैच के बाद कप्तान टेंबा बावुमा से टी20 विश्वकप में डिकॉक के वापस खेलने को लेकर सवाल किया तो उन्होंने फैसले का जिम्मा टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ताओं की झोली में डाल दिया।
उन्होंने कहा,'मुझे नहीं पता कि यह चीजें कितनी लंबी खिंचने वाली हैं। मेरा मतलब है कि यह सबकुछ सिर्फ एक दिन में ही हुआ है तो ऐसे में सिर्फ आज के बारे में ही बात कर सकता हूं कि क्या हुआ है। मुझे इस बात की प्रशंसा करनी होगी कि हमें बोर्ड की तरफ से आज सुबह ही निर्देश जारी किये गये थे और हमारे पास इस मामले पर बात करने के लिये ज्यादा समय नहीं था। हम डिकॉक के फैसले का सम्मान करते हैं और कुछ भी हो जाये हम उनके साथ खड़े हैं। जिस भी स्थिति में उन्हें जो कंधा चाहिये होगा वो मिलेगा। उनके आगे खेलने या न खेलने का फैसला टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ताओं के हाथ में हैं, इस पर मैं कुछ भी नहीं कह सकता।'