क्यों हैं बुमराह इतने खतरनाक गेंदबाज?
बुमराह इस समय वनडे क्रिकेट में दुनिया के नंबर वन तेज गेंदबाज हैं। टेस्ट क्रिकेट में भी उनकी तूती बोलती है और वे लगातार 145 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से गेंद करके बड़े से बड़े बल्लेबाजों को परेशान करके रखते हैं। बुमराह को उनके जटिल और अजीबोगरीब एक्शन के लिए जाना जाता है। उनका एक्शन परंपरागत गेंदबाजी विधा से काफी हटकर है। ना ही का उनका रन-अप बहुत ज्यादा फास्ट होता है। लेकिन गेंद छोड़ते हुए अंतिम क्षणों में वे जो कमाल दिखाते हैं उससे बाद में सब-कुछ बदल जाता है। बुमराह के एक्शन की तुलना शुरु में लसिथ मलिंगा से भी की गई थी। उल्लेखनीय है कि मलिंगा को भी क्रिकेट में शानदार सफलता मिला है। अब देश के दिग्गज तकनीकी संस्थान आईआईटी के प्रोफेसर ने बुमराह की सफलता के पीछे का रॉकेट साइंस समझाया है।
बुमराह की गेंदबाजी का 'रॉकेट साइंस'
आईआईटी कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफेसर संजय मित्तल ने अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' के लिए लिखा है कि बुमराह को 'रिवर्स मैग्नस फॉर्स' के चलते कामयाबी मिलती है। मित्तल ने बताया कि बुमराह की स्पीड, सीम पॉजीशन और 1000 राउंड/मिनट की रोटेशनल स्पीड गेंद को केवल 0.1 स्पिन अनुपात देती है। इसके चलते रिवर्स मैग्नस इफेक्ट पैदा होता है। आपको यह सब तकनीकी चीजें समझने में कठिनाई ना हो इसलिए आप इसका निचोड़ इस तरह से समझिए कि उपरोक्त प्रभाव के चलते बुमराह की गेंद काफी तेजी से ऊपर से नीचे आती हैं और बल्लेबाज को चकमा देती हैं।
तेजी से नीचे की ओर गिरती है बुमराह की गेंदे-
जब भी किसी तेज गेंदबाज के बारे में बात की जाती है तो अक्सर उसकी स्पीड और स्विंग की ही चर्चा होती है। लेकिन मित्तल के अनुसार बुमराह को इन दोनों चीजों के अलावा जो बात सबसे खतरनाक बनाती है, वो है उनकी गेंदों का बल्लेबाज के सामने ऊपर से नीचे की ओर तेजी से गिरना। मित्तल ने लिखा, 'बुमराह गेंद को नीचे की तरफ जाने के लिए ताकत लगाते हैं जिससे वह तेजी से गिरती है। इसे पढ़ना बल्लेबाज के लिए मुश्किल काम होता है। रिवर्स मैग्नस से गेंद बैकस्पिन (गेंद का पीछे की ओर घूमना जिससे गेंद ठप्पा खाने के बाद तेजी से पिच को छोड़ती हुई निकल जाती है) के साथ आगे बढ़ती है और तेजी से डिप करती है। यही चीज उनकी कामयाबी का राज है।'
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