खास लिस्ट में हुए हैं शामिल
32 साल के जलज ने दलीप ट्रॉफी में एक खास रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। केरल की तरफ से फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने वाले 32 वर्षीय जलज अब दिग्गजों की इलीट क्लब में शामिल हो गए हैं। जलज सक्सेना ने इंडिया ब्ल्यू के लिए खेलते हुए इंडिया रेड के खिलाफ शानदार गेंदबाजी करते हुए 7 विकेट हासिल किए। इसी के साथ उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपने विकेट की संख्या को 300 पार पहुंचा दिया है। अब जलज सक्सेना के नाम प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अनोखा डबल हो गया है जिन्होंने 6000 रन के साथ ही 300 विकेट हासिल किए। इस खास रिकॉर्ड के साथ वो कपिल देव, सीके नायडू, लाला अमरनाथ, विजय हजारे, पोली उमरीगर जैसे दिग्गजों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं। इन सभी ने अपने घरेलू क्रिकेट में 6000 से अधिक रन और 300 से अधिक विकेट लिए थे।
BCCI 4 बार कर चुकी है सम्मानित
जलज एक बेहतरीन आलराउंडर हैं लेकिन उन्हें कभी राष्ट्रीय टीम में खेलने का माैका नहीं मिला, पर ऐसा नहीं है कि बीसीसीआई ने उन्हें अनदेखा किया हो। बीसीसीआई ने जलज सक्सेना को इस प्रदर्शन के लिए अब तक 4 बार सम्मानित किया है। 2014-15 के रणजी सीजन में बेस्ट ऑलराउंडर के रूप में लिए पहली बार जलज को लाला अमरनाथ पुरस्कार मिला जिसके बाद उन्हें 2015-16 के रणजी सीजन में फिर इसी पुरस्कार से नवाजा गया। जलज को इसके बाद 2017-18 रणजी सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने पर माधवराव सिंधिया पुरस्कार मिला, तो फिर से उन्होंने लाला अमरनाथ अवार्ड जीता, लेकिन इसके बाद भी उन्हें भारतीय टीम में कभी मौका नहीं मिला।
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14 साल में गेंद-बल्ले से किया कमाल
राष्ट्रीय टीम में चयन ना होने के सवाल पर जलज कहते हैं, 'ये मेरे हाथ में नहीं है, ये काम चयनकर्ताओं का है कि वो किसे मौका दें। मेरा काम सिर्फ क्रिकेट खेलना और अपना सर्वश्रेष्ठ देना है।' बता दें कि 14 साल के करियर में जलज ने गेंद-बल्ले से बराबर योगदान दिया है। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पहला कदम दिसंबर 2005 में रखा था। वह अभी तक 113 मैचों में 6044 रन दर्ज कर चुके हैं जिसमें 30 अर्धशतक के साथ 14 शतक भी दर्ज हैं। वहीं कुल 305 विकेट अपने नाम कर लिए हैं। खास बात यह है कि वह 17 बार एक मैच में 5 या इससे अधिक विककेट ले चुके हैं। वहीं 5 बार 10 या इससे अधिक विकेट ले चुके हैं। उनके इस रिकाॅर्ड को देख अनुमान लगाया जा सकता है कि वो भारतीय टीम के लिए कितने अहम आलराउंडर साबित हो सकते हैं लेकिन अब बढ़ती उम्र के साथ शायद ही उन्हें खेलने का माैका दिया जाए, क्योंकि माैजूदा समय में विजय शंकर, हार्दिक पांड्या, रविंद्र जडेजा जैसे खिलाड़ी आलराउंडर की भूमिका अच्छे से निभा रहे हैं।