नई दिल्ली। पहले एडिलेड टेस्ट मैच में डीआरएस सिस्टम के तहत कुछ फैसले ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में नहीं गए तो कंगारू कप्तान टिम पेन ने इस सिस्टम की आलोचना की थी। इसके जवाब में भारतीय कप्तान कोहली ने कहा है कि प्रत्येक टेस्ट क्रिकेटर को डीआरएस को लेकर खुश ही होना चाहिए। बता दें कि यह सिस्टम टेस्ट मैच में पहली बार भारत और श्रीलंका के बीच 2008 में इस्तेमाल हुआ था। हालांकि उसके बाद भारत इस सिस्टम से इतना कम प्रभावित हुआ कि पूरे 8 साल तक इस तकनीक को दोबारा अपनाने से बचता रहा।
कोहली का मानना है भले ही तकनीक में कुछ दोष हो, लेकिन उसको अपनाने से बचना नहीं चाहिए। क्योंकि इसके गुण ज्यादा है जबकि दोष इसकी तुलना में कम हैं। गौरतलब है कि पहले टेस्ट में चेतेश्वर पुजारा और आजिंक्य रहाणे अपने आउट होने के अंपायर फैसले को बदलने में कामयाब रहे थे और फिर सबको पता है कि मैच में क्या हुआ। इन दोनों ने बल्लेबाजी में भारत की ओर से बहुत बड़ा योगदान दिया जिसने बाद में भारत की जीत की दिशा भी तय की।
INDVs AUS : पर्थ की ग्रीन टॉप विकेट देखकर क्यों खुश हो गए टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली
कोहली ने तकनीक का बचाव करते हुए कहा कि कोई भी परफेक्ट नहीं होता है, इंसान भी नहीं। तकनीक के साथ अच्छी बात यह है कि इसमें लगातार सुधार होता रहता है। इसलिए मैं डीआरएस को लेकर संतुष्ट हूं।' बता दें कि भारत-ऑस्ट्रेलिया का पहला टेस्ट भारत ने 31 रन से जीता था, जबकि दूसरा मैच 14 दिसंबर को पर्थ में शुरू हो रहा है।