वो ऐसा व्यक्ति है जिसके पास बहुत प्रतिभा है
कोहली ने कहा कि तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने जिस तरह का खेल दिखाया है वो अच्छा रहा है और यह साउथ अफ्रीका दौरे पर जाने वाली टीम के लिए एक अच्छा संकेत है। कोहली ने कहा, "सिराज ने एक लंबा सफर तय किया है। वो ऐसा व्यक्ति है जिसके पास बहुत कौशल और प्रतिभा है। वह हर बार जब भी गेंदबाजी करता है तो वह बहुत अच्छी कोशिश करता है, उसका प्रदर्शन उसके लिए बहुत अच्छा रहता है। हम उस तरह के व्यक्ति पर भरोसा कर सकते हैं। किसी भी टीम के लिए सिराज जैसा गेंदबाज होना बहुत अच्छा संकेत है जो आपको महत्वपूर्ण सफलताएं दे सकता है जो टेस्ट मैच जीतने या इसे ड्रॉ करने में एक अंतर साबित हो सकता है।"
उन्होंने आगे कहा, "अगर आप इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट पर गाैर करें तो गेंद स्विंग करना बंद कर देती है, लेकिन वह अपने कौशल के कारण विकेट चटकाने में सक्षम था। वह एक लंबा सफर तय कर चुका है, वह शायद सबसे अच्छे दाैर में है। एक गेंदबाज के रूप में वो खास रहा है।''
मयंक की भी हुई प्रशंसा
कोहली ने मयंक अग्रवाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह प्रदर्शन युवा सलामी बल्लेबाज को आने वाले सालों में राष्ट्रीय टीम में बने रहने में मदद करेगा। मयंक ने पहली पारी में शानदार 150 रनों की पारी खेली और फिर दूसरी पारी में 62 रनों की तूफानी पारी खेली। भारत के 1-0 से सीरीज जीतने के बाद अग्रवाल को मैन ऑफ द मैच चुना गया। कोहली ने कहा, "मयंक की शानदार वापसी रही। लंबे समय तक लय से बाहर रहने के बाद उन्होंने अब शानदार खेल दिखाया है। हम सभी अपने करियर में कुछ चरणों से गुजरे हैं, जहां हमें उस प्रभाव प्रदर्शन को लाना पड़ा है और उन्होंने ऐसा किया है। यह आने वाले सालों में उसे भारत के लिए लगातार बने रहने में मदद करेगा। वह निश्चित रूप से एक खास खिलाड़ी है। इस प्रकार की पारी निश्चित रूप से उसे आत्मविश्वास देगी।"
खिलाड़ी टेस्ट खेलने के भूखे हैं
कोहली ने कहा कि वह युवा खिलाड़ियों द्वारा सबसे लंबे प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन करने की भूख से खुश हैं। 33 वर्षीय कोहली ने कहा, "टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए आपको जुनून और इरादे की जरूरत होती है। भारतीय क्रिकेट सुरक्षित हाथों में है जब आपके पास इतने सारे लोग हैं। खिलाड़ी टेस्ट खेलने के भूखे हैं। यह देखना अच्छा है कि युवा यह महसूस करना चाहते हैं कि टेस्ट खेलना क्या है। वो समझते हैं कि इसे सबसे कठिन प्रारूप, सबसे सम्मानजनक प्रारूप क्यों कहा जाता है।"