खबर पढ़कर गांगुली का चेहरा तमतमा गया
टीम की बैठक के लिए निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सभी खिलाड़ी माैजूद थे। कप्तान सौरव गांगुली थे। ऐसे में गांगुली हर बार देर से आने के लिए मशहूर थे। यहां खिलाड़ियों के बीच बकबक शुरू हो गई। 10-15 मिनट के बाद गांगुली मीटिंग हॉल में दाखिल हुए। सभी खिलाड़ी शांत हो गए। पल भर में हॉल में माहौल बदल गया। हरभजन सिंह खड़े हो गए क्योंकि गांगुली हमेशा की तरह मुस्कुराए और बात करने लगे। उसने अपने दादा को कुछ अखबारों की कटिंग सौंपीं। जैसे ही गांगुली ने अखबार में छपी खबर देखी तो उनका चेहरा तमतमा गया। अखबार ने गांगुली का इंटरव्यू छापा था, जिसमें लिखा था- युवराज लड़कियां चाहते हैं, हरभजन डिस्को जाना चाहते हैं। जहीर और सहवाग अपने खेल को लेकर गंभीर नहीं हैं। द्रविड़ उप-कप्तान के रूप में सहयोग नहीं कर रहे हैं, जबकि सचिन अपने लिए खेल रहे हैं।"
सभी फेरने लगे मुंह
यह खबर पढ़ने के बाद गांगुली के पसीने छूट गए। क्योंकि, उन्होंने ऐसा कोई इंटरव्यू नहीं दिया। गांगुली ने ऊपर देखा और युवराज सिंह और जहीर खान बात करने लगे। दोनों ने कहा, "दादाजी हम जूनियर हैं, तो क्या आप कोई भी आरोप लगाएंगे? हम देश के लिए खेल रहे हैं और ईमानदारी से खेल रहे हैं।" जैसे ही युवा खिलाड़ी बात करने लगे, गांगुली ने अपने पुराने साथियों द्रविड़ और सचिन की ओर देखा। उन्होंने भी अन्य खिलाड़ियों की तरह मुह फेर लिया। उन्होंने कहा, ''दादाजी, आपको ऐसा नहीं कहना चाहिए था। आप गलत हैं।"
लेकिन अब गांगुली हैरान हो गए थे। वह सबको बताने लगे कि ऐसा कुछ नहीं हुआ था। मैंने कोई इंटरव्यू नहीं दिया है। उनका इंटरव्यू हिंदी, अंग्रेजी और स्थानीय मलयालम में भी प्रकाशित हुआ था। खिलाड़ियों और गांगुली के बीच करीब 15 मिनट तक बहस हुई। नीचे, कोच जॉन राइट टीम की प्रतीक्षा कर रहे थे। अब गांगुली की बारी थी अपना आपा खोने की। वह गुस्सा हो गए और उसने कहा, "मैं तुम्हें विश्वास दिलाने के लिए क्या कर सकता हूं? अगर आपको लगता है कि यह सच है तो मैं कप्तान के पद से इस्तीफा दे दूंगा।"
फिर द्रविड़ से नहीं देखा गया हाल तो...
ऐसे में हरभजन ने कहा, "देखते हैं आपका क्या करना है।" इतना कहकर उसने अपना बैग उठाया और बाहर चलने लगा। हालांकि अब गांगुली की आंखों में आंसू आ गए। टीम उन्होंने खुद बनाई है। वह पूरी टीम उनके खिलाफ थी। उन्हें कप्तान होने और अकेले रहने पर बुरा लगा। गांगुली के पुराने सहयोगी राहुल द्रविड़ उनका यह हाल नहीं देख सके। उसने उसका पीछा किया। उसे रोकते हुए कहा, "दादाजी, आज की तारीख क्या है? " गांगुली समझ गए कि उन्हें अप्रैल फूल बना दिया है। उसके बाद उन्हें बताया गया कि यह युवराज और भज्जी की योजना थी और उसी के अनुसार उन्होंने कल पूरी रणनीति बनाई थी। पूरी टीम ने भी उनका साथ दिया। बाद में हरभजन सिंह ने एक इंटरव्यू में इन सभी घटनाओं का खुलासा किया।