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विदेशो में लगातार अपनी अहमियत साबित करते ईशांत, इस मामले में बाकी गेंदबाजों से हैं मीलों आगे

साउथैम्पटनः भारतीय टीम टेस्ट चैंपियनशिप बचाने के लिए अंतिम दिन की लड़ाई लड़ रही है। यह एक रिजर्व डे रखा गया था जो की बारिश के कारण एक्टिवेट हुआ। इस दिन की शुरुआत भारत के लिए काफी खराब रही क्योंकि विराट कोहली चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जैसे बल्लेबाज 20 रनों से कम स्कोर पर ही चलते बने। शुरु के दो बल्लेबाजों के विकेट काइल जैमीसन ने लिए जबकि रहाणे को बोल्ट ने आउट किया। यह पहली बार नहीं है जब भारत का विश्वसनीय बैटिंग ऑर्डर एक के बाद एक विदेशी परिस्थितियों में धराशाई हो जाता है। खासकर न्यूजीलैंड के सामने भारत को हमेशा दिक्कत आती है।

विदेशो में लगातार अपनी अहमियत साबित करते ईशांत-

विदेशो में लगातार अपनी अहमियत साबित करते ईशांत-

इस मैच से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि टीम इंडिया परिस्थितियों को देखते हुए 4 गेंदबाज उतारेगी जिसमें मोहम्मद सिराज का भी नाम शामिल होगा तो वहीं अधिकतर बातें चल रही थी कि टीम रविचंद्रन अश्विन व रवींद्र जडेजा को उतारेगी ही उतारेगी जबकि ईशांत शर्मा की जगह पर मोहम्मद सिराज की एंट्री होगी क्योंकि मोहम्मद शमी और बुमराह को टच नहीं किया जा सकता। लेकिन इशांत शर्मा ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि वे टीम के सबसे अनुभवी गेंदबाज क्यों हैं।

शर्मा ने न्यूजीलैंड की पहली पारी में सबसे कसी हुई गेंदबाजी करते हुए 25 ओवरों में केवल 48 रन देकर तीन विकेट चटकाए। शर्मा ने एक छोर पर लगातार दबाव बनाए रखा और उनके हाथ से विकेट लगे इसके साथ ही वे भारत के दूसरे सर्वाधिक विकेट लेने वाले टेस्ट तेज गेंदबाज बनने से चंद ही कदम दूर खड़े हैं।

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ओवरसीज में प्रति पारी विकेट परसेंटेज में नंबर वन गेंदबाज हैं ईशांत-

ओवरसीज में प्रति पारी विकेट परसेंटेज में नंबर वन गेंदबाज हैं ईशांत-

ईशांत शर्मा विदेशी धरती पर बहुत ही विश्वसनीय गेंदबाज हैं खासकर 2015 के बाद से ओवरसीज टेस्ट मुकाबलों में उनका रिकॉर्ड बेजोड़ है। ईशांत ने केवल 10.3% पारियां ही विदेशों में ऐसी खेली हैं जिनमें वे कोई विकेट हासिल नहीं कर पाए। यानी कि अगर आप ईशांत को विदेशों में खिलाते हैं तो इस बात की प्रबल संभावना है कि वह प्रति पारी आपको विकेट तो निकाल कर देंगे ही देंगे।

जसप्रीत बुमराह इस मैच में एक भी विकेट पहली पारी में नहीं ले पाए हैं। बुमराह का स्थान इस मामले में नंबर चार पर आता है क्योंकि उन्होंने विदेशी धरती पर 14.7% पारियों में कोई भी विकेट नहीं लिया।

बाकी गेंदबाजों से इस मामले में मीलों आगे हैं-

बाकी गेंदबाजों से इस मामले में मीलों आगे हैं-

इसके अलावा भारत के रविचंद्रन अश्विन 16.3% पारियों में ओवरसीज टेस्ट मैचों में विकेट नहीं ले पाए। ईशांत के बाद अगर आप देखे तो मिचेल स्टार्क का नंबर आता है जिन्होंने ओवरसीज टेस्ट मैचों में 14.3 प्रतिशत पारियों में कोई विकेट नहीं लिया। यहां पर आप ईशांत का प्रभुत्व देख सकते हैं क्योंकि उनमें और मिशेल स्टार्क में पूरे 4% का अंतर है। इशांत अभी तक 102 टेस्ट मैच खेल चुके हैं और उनके नाम 32.12 की औसत से 306 विकेट है। भारत को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल मुकाबले के बाद अगस्त में इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में भी शिरकत करनी है और यहां पर भी इशांत शर्मा का रोल काफी अहम होने जा रहा है।

Story first published: Wednesday, June 23, 2021, 17:28 [IST]
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