ब्रॉन्ज मेडल की हार के बाद बहुत गमगीन थीं सविता-
यहां से हॉकी की गाड़ी सरपट दौड़ पड़ी थी क्योंकि उन्होंने क्वार्टर फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को मात दी और इसको भारत की ओर से ओलंपिक 2020 का सबसे बड़ा उलटफेर कहा गया। इस टीम ने 1-0 से आस्ट्रेलिया पर जीत दर्ज करके सेमीफाइनल में जगह बनाई लेकिन वहां वे अर्जेंटीना से हार गए।
इसके बाद ग्रेट ब्रिटेन की टीम के साथ ब्रॉन्ज मेडल मैच हुआ जो आखिर तक रोमांचक टक्कर का मुकाबला था जहां पर भारतीय महिला टीम को 4-3 से भावुक हार झेलनी पड़ी। भारतीय महिला हॉकी टीम हार गई लेकिन उसने सभी देशवासियों का दिल जीत लिया। इस हार के बाद हमने गोलकीपर सविता पूनिया को बुरी तरह रोते हुए देखा और वह मैच के बाद मैच के कई घंटे बाद भी अपनी नम आंखें लिए गमगीन बैठी थी।
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कोच ने हार के बाद टीम संग लंच नहीं किया-
अब महिला हॉकी टीम भी देश वापस आ गई है और गोलकीपर सविता पूनिया का कहना है, "शुरुआती मैचों में टीम ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया जिसके चलते कोच सोजर्ड मारिजने खुश नहीं थे और उन्होंने ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ हमारी हार के बाद हम लोगों के साथ लंच नहीं किया। इसके बाद हमने तय किया कि हम कोच का विश्वास फिर से जीतेंगे। उन्होंने हमेशा हमको हमारा बेस्ट बेस्ट खेल खेलने के लिए प्रेरित किया है।"
उस मैच में हम सब बहुत भावुक हो गए थे- सविता पुनिया
कांस्य पदक मैच में सभी भारतीय महिला टीम की सदस्य खूब रोईं, जिनमें सविता पूनिया शायद सबसे ज्यादा भावुक थीं। उस मैच को याद करके सविता कहती हैं, "ब्रोंज मेडल के मुकाबले में हम सब बहुत ज्यादा भावुक हो गए थे और यह स्वीकार करना बहुत ही मुश्किल था की जीत के इतने करीब आने के बावजूद हमने मेडल हाथ से निकाल दिया है। लेकिन अगर ओवरऑल टीम की परफॉर्मेंस की बात करें तो वह ठीक रही।"
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कोच अब टीम पर गर्व महसूस करते हैं-
इसके अलावा टीम के कोच सोजर्ड मारिजने ने भी बात की और कहा, "हमने ब्रोंज मेडल नहीं जीता लेकिन मैं पहले ही कह चुका हूं कि हमने इससे भी बड़ा कुछ करके दिखा दिया। अगर मैं अपनी ईमेल को देखूं या सोशल मीडिया को देखो तो पता चलता है कि लोग इस बात से कितना गर्व महसूस कर रहे हैं जो भी लड़कियों ने किया है और यह वास्तव में काफी अद्भुत चीज है।"
वे आगे कहते हैं कि लड़कियों ने बहुत अच्छा किया ऐसा पहली बार हुआ जब 41 सालों में हम पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचे। अगर आप रियो ओलंपिक से इसकी तुलना करें तो काफी बड़ा अंतर है। टीम में फिटनेस अच्छी है, मानसिकता अलग है और एक बड़ा फासला तय किया है।