आखिरी 10 सेकेंडस में बदली मैच की कहानी
उल्लेखनीय है कि ओलंपिक में पहली बार भाग लेने पहुंचे दीपक पुनिया को सैन मरीनो के माइल्स अमीने ने 3-2 से हार मिली और ब्रॉन्ज मेडल जीतने से चूक गये। इस मैच के दौरान जब माइल्स ने दीपक पुनिया पर दबाव बनाया तो भारतीय पहलवान ने जबरदस्त डिफेंसिव तकनीक का प्रदर्शन किया और आखिरी 10 सेकेंडस तक बढ़त को बनाकर रखा। हालांकि सैन मरीनो के पहलवान ने आखिरी 15 सेकेंडस में अपना दांव चला और भारतीय पहलवान हैरान रह गया।
दीपक पुनिया ने आखिरी 10 सेकेंडस तक 2-0 की बढ़त बरकरार रखी थी लेकिन माइल्स के इस दांव के चलते यह स्कोर 3-2 हो गया और वो ब्रॉन्ज मेडल जीतने से चूक गये। दीपक पुनिया ने अपने ओलंपिक अभियान का आगाज तकनीकी रूप से मजबूत पहलवान के रूप में की और आसानी से जीत हासिल करते हुए पुरुषों के 86 किग्रा भारवर्ग के सेमीफाइनल मैच में पहुंच गये।
टेक्निकल सुपरियॉरिटी से बनाई सेमीफाइनल में जगह
दीपक पुनिया ने सबसे बड़ी जीत अफ्रीकी चैम्पियनशिप के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट और नाइजीरिया के पहलवान एकेरेकेमे एगियोमोर के खिलाफ हासिल की। नाइजीरियन पहलवान के पास बेशक ताकत ज्यादा थी लेकिन तकीनीकी रूप से ज्यादा मजबूत होने के चलते दीपक पुनिया ने 12-1 से जीत हासिल की। वहीं पर क्वार्टरफाइनल मैच में भारतीय पहलवान ने चीन के जुशेन लिन के खिलाफ जबरदस्त वापसी करते हुए 6-3 से जीत हासिल की।
ओलंपिक से पहले एक साल से नहीं की थी कुश्ती
लिन के खिलाफ इस मैच में दीपक पुनिया ने 3-1 की बढ़त के साथ शुरुआत की की लेकिन लिन ने टेकडाउन कर इसे बराबर कर दिया 3-3 हो गया। दरअसल रेफरी ने दीपक को एक थ्रो के लिये 2 प्वाइंटस दिये लेकिन चीनी पहलवान ने इसे चैलेंज कर दिया। चैलेंज में चीनी खिलाड़ी की जीत हुई। मैच बराबरी पर चल रहा था और आखिरी 10 सेकेंडस में चीनी पहलवान आगे नजर आ रहा था।
हालांकि दीपक ने इन 10 सेकेंडस में चीनी पहलवान के पैरों में जगह बनाने में सफलता हासिल कर ली और दोनों पैर पकड़ककर उन्हें हवा में उछाला और फेंक दिया जिसके साथ ही उन्हें 2 प्वाइंटर मिला और वो मुकाबला जीत कर सेमीफाइनल में पहुंच गये। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि ओलंपिक से पहले दीपक पुनिया आखिरी बार 2020 विश्व कप में ही खेले थे और इस दौरान उनके बायें हाथ में चोट लगी थी।