नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग का 13वां सीजन कई मायनों में खास रहा, जहां पर फैन्स को कई सारी चीजें पहली बार देखने को मिली तो विवादों का दौर भी जारी रहा। इस दौरान अगर आईपीएल के 13वें सीजन में किसी सबसे विवादित डिसीजन की बात की जाये तो वह रहा कोलकाता नाइट राइडर्स के कप्तान दिनेश कार्तिक का पहले राउंड के बाद टीम की कमान इयोन मोर्गन को देना। इस दौरान ऐसी अफवाहें भी रही कि दिनेश कार्तिक को कप्तानी से हटा कर इयोन मोर्गन को देने के लिये कहा जा सकता है और 16 अक्टूबर को यह अफवाहें उस वक्त सच साबित हो गई जब दिनेश कार्तिक ने अपनी कप्तानी के पद को छोड़ दिया।
कोलकाता नाइट राइडर्स की ओर से लिये गये इस महीने पर काफी वक्त तक बात होती रही कि क्या आईपीएल में क्वालिफाई नहीं कर पाने के पीछे यह कारण भी रहा, चूंकि कप्तानी बदलने के बाद टीम को ज्यादा हार का सामना करना पड़ा। इयोन मोर्गन ने केकेआर के लिये 7 मैचों में कप्तानी की जिसमें से सिर्फ 3 मैचों में ही केकेआर की टीम जीत हासिल कर पाने में कामयाब रही, जिसके चलते उसकी टीम को हार का सामना करना पड़ा।
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वहीं अब इस मामले पर भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज और कॉमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने अपनी चुप्पी तोड़ी है और कार्तिक के अपने मन से कप्तानी छोड़ने के फैसले पर सवाल उठाये हैं।
अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो शेयर करते हुए चोपड़ा ने लिखा,'सबसे पहले तो मैं इस बात से काफी ज्यादा निराश हूं कि जब आप पहले 7 मैचों में से 4 में जीत हासिल कर लेते हैं तो आप अगले दौर में अपने प्रदर्शन को दोहराना चाहते हैं। अगर आप उसे दोहराते हैं तो आप क्वालिफाई कर जाते हैं। दिल्ली की टीम ने 16 अंक हासिल कर दूसरा नंबर हासिल किया था। तो अगर चीजें वहां से आपके लिये अचानक बदल जाती हैं तो आपको सोचना होगा कि अचानक कप्तानी बदलने का फैसला क्यों लिया। लगातार कहा जा रहा है कि उन्होंने अपनी मर्जी से कप्तानी छोड़ी पर क्या वाकई में ऐसा हुआ था।'
आकाश चोपड़ा ने केकेआर के प्रदर्शन पर सवाल उठाते हुए कहा कि आपको देखना होगा कि क्या उनकी कप्तानी छोड़ने के बाद केकेआर की टीम का प्रदर्शन बेहतर हुआ।
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उन्होंने कहा,'क्या इयोन मोर्गन को कप्तानी सौंपने के बाद कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम का प्रदर्शन बेहतर हुआ। क्या इयोन मोर्गन को कप्तानी सौंपना क्योंकि वह एक विदेशी खिलाड़ी हैं, सहीं मायनों में टीम के लिये एक अच्छा फैसला रहा और क्या टीम को आगे बढ़ाने का तरीका सही था। अगर ऐसा होता तो केकेआर की टीम अच्छे प्रदर्शन के साथ जरूर वापसी करती।'
गौरतलब है कि कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम ने 13वें सीजन के दौरान सिर्फ 7 मैच में ही जीत हासिल की लेकिन नेट रन रेट में पीछे रहने के चलते वह प्लेऑफ में क्वालिफाई नहीं कर सकी।