एक साल तक तोड़ती रही 2015 विश्व कप की हार
हर्षा भोगले के साथ बात करते हुए साउथ अफ्रीका के पूर्व कप्तान एबी डिविलियर्स ने कहा कि साल 2015 में आयोजित हुए विश्व कप के सेमीफाइनल मैच में डकवर्थ लुइस नियम के चलते जो हार उन्हें कीवी टीम के हाथों मिली उसने उन्हें एक साल तक तोड़ कर रखा था। उल्लेखनीय है कि इस मैच को कीवी न्यूजीलैंड की टीम ने 4 विकेट से जीत लिया था।
उन्होंने कहा, ‘विश्व कप 2015 की हार से बाहर निकलने के लिये मुझे एक साल तक जूझना पड़ा। इसने मुझे तोड़ दिया था लेकिन मैंने खेलना जारी रखा, मैंने हर संभव प्रयास किया, क्रिकेट से जुड़े रहने की कोशिश की। मैं काफी अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था। मेरी अब भी बेहतरीन यादें हैं।'
अचानक संन्यास के पीछे यह थी असली वजह
क्रिकेट इतिहास के सबसे महान बल्लेबाजों में से एक माने जाने वाले एबी डिविलियर्स ने साल 2018 में अचानक ही क्रिकेट को अलविदा कहते हुए अपने 14 साल के अंतर्राष्ट्रीय करियर पर विराम लगा दिया था। इस दौरान वह अपने करियर की टॉप फॉर्म में थे। अपने संन्यास का ऐलान करते हुए डिविलियर्स ने कहा था कि अब उनमें ‘दम नहीं बचा' और वह ‘थकान महसूस कर रहे' हैं।
हालांकि संन्यास के करीब 2 साल बाद इसके पीछे के सही कारणों का खुलासा करते हुए उन्होंने कहा,'निजी नजरिए से कहूं तो हां, मेरे संन्यास के पीछे 2015 विश्व कप सेमीफाइनल की हार ने बड़ी भूमिका निभाई थी। उस रात हम खेल से हार गए और उस साल मेरे लिए उस हार से उबरना मुश्किल था। हमें दोबारा शुरुआत करनी थी लेकिन मैं स्थिति ऐसी थी कि ठहरो, मैं अब तक इस विश्व कप की हार से नहीं उबरा हूं।'
अब तक उस हार के दर्द से नहीं उभरे हैं डिविलियर्स
उन्होंने आगे कहा,' मुझे उस हार से काफी पीड़ा पहुंची। इसलिए हां, मैं काफी संवेदनशील हूं और मैं कैसे महसूस करता हूं संन्यास में इस तरह की चीजें बड़ी भूमिका निभाती हैं।'
गौरतलब है कि साउथ अफ्रीका की टीम विश्व कप में कभी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई और उसे 1992 और 1999 की प्रतियोगिताओं में भी निराशा का सामना करना पड़ा था। डिविलियर्स ने कहा कि उन्हें 2015 की हार से एक साल तक जूझना पड़ा और उन्हें खेद है कि वह अपनी भावनाओं को खुलकर सामने नहीं रख पाए। आपको बता दें कि एबी डिविलियर्स ने साउथ अफ्रीका के लिए 114 टेस्ट मैचों में 8765 रन और 228 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में 9577 रन बनाये हैं।