मुंबई | 6 नवंबर को गॉड ऑफ इंडियन क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की किताब "प्लेइंग इट माई वे" प्रकाशित होने वाली है जिसकी कुछ बातें लोगों के सामने पहले ही आ गई हैं जिसके मुताबिक सचिन ने अपनी जीवनी "प्लेइंग इट माई वे" में भारतीय क्रिकेट टीम के विवादित पूर्व कोच ग्रेग चैपल पर गंभीर आरोप लगाये हैं।
हमेशा बेहद शांत दिखने वाले सचिन ने अपनी कलम से काफी उग्र रूप दिखाया है। जिसके तहत उन्होंने ग्रेग चैपल को 'रिंगमास्टर' तक लिखा है। तेंदुलकर ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वेस्टइंडीज में 2007 में हुए विश्व कप से ठीक पहले चैपल ने उन्हें राहुल द्रविड की जगह टीम का कप्तान बनने की पेशकश की थी। यहीं नहीं, सचिन ने लिखा है कि चैपल हमेशा अपने विचार खिलाड़ियों पर थोपने की कोशिश करते थे।
चैपल हमेशा अपने विचार खिलाड़ियों पर थोपने की कोशिश करते थे
सचिन के हिसाब से चैपल ने कहा, "विश्व कप से कुछ महीनों पहले चैपल हमारे घर आए और यह सलाह दी कि राहुल द्रविड की जगह मैं कप्तान बनूं। हम दोनों अगर चाहें तो लंबे समय तक भारतीय क्रिकेट को नियंत्रित कर सकते हैं।"
सचिन ने आगे लिखा है कि वह और उनकी पत्नी अंजली चैपल द्वारा दी गई पेशकश को सुनकर हैरान रह गए। सचिन ने कहा, "मैं यह सुनकर हैरान रहा गया कि क्रिकेट के सबसे बड़े टूर्नामेंट से ठीक पहले कोच को मौजूदा कप्तान पर भरोसा नहीं है।"
टीम की एकता भंग करना चाहते थे चैपल
सचिन के अनुसार इस घटना के बाद उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को विश्व कप के लिए चैपल को टीम के साथ वेस्टइंडीज नहीं भेजने की भी सलाह दी थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मालूम हो कि भारत को उस विश्व कप में बांग्लादेश और श्रीलंका से हारने के बाद ग्रुप वर्ग से ही विश्व कप से बाहर होना पड़ा था। इसलिए अगर मैं कहूं कि चैपल की कोचिंग में भारतीय क्रिकेट बिल्कुल भी आगे नहीं बढ़ रह था तो मुझे नहीं लगता मैं गलत हूं।"
चैपल ने किया था गांगुली का अपमान
सचिन के इस स्टेटमेंट पर भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने सही ठहराते हुए कहा है कि वो सचिन की इस बात से बहुत खुश और संतुष्ट हैं क्योंकि वो भी ग्रैग चैपल का सम्मान नहीं करते हैं।
अपनी किताब में भारत रत्न सचिन ने यह भी लिखा है कि चैपल ने पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और कई सीनियर खिलाड़ियों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया। इसलिए जब चैपल गये तो किसी को दुख नहीं हुआ, टीम के किसी भी सदस्य को चैपल के बर्खास्तगी को लेकर निराशा नहीं थी।
चैपल केवल टीम में बिखराव चाहते थे
सचिन ने लिखा है, "चैपल ने कई बार कहा है कि उन्हें गांगुली के कारण ही भारतीय टीम का कोच पद मिला था लेकिन सिर्फ इसीलिए वह ताउम्र गांगुली का समर्थन नहीं कर सकते। मैं तो इतना कहना चाहता हूं कि गांगुली देश के सबसे अच्छे क्रिकेट खिलाड़ियों में एक हैं और उन्हें भारतीय टीम में बने रहने के लिए चैपल के समर्थन या सहयोग की जरूरत नहीं थी।"
सचिन ने यह भी आरोप लगाया कि चैपल टीम के कई सीनियर खिलाड़ियों को बाहर करना चाहते थे। सचिन के मुताबिक चैपल भारतीयी टीम की एकता को छिन्न-भिन्न कर देना चाहते थे। चैपल कई सीनियर खिलाड़ियों को बाहर का रास्ता दिखाना चाहते थे। कई मौकों पर तो उन्होंने वीवीएस लक्ष्मण को पारी की शुरुआत करने को कहा। लक्ष्मण ने शालीनता से इस बात को ठुकरा दिया था। उन्होंने कहा था कि वह मध्य क्रम में ही ठीक हैं।"
"बाद में मैंने पाया कि चैपल ने इस बारे में बीसीसीआई से बात की थी। जाहिर तौर पर यह बातचीत टीम को नई ऊर्जा प्रदान करने की दिशा में थी लेकिन इसका दूसरा मकसद टीम से सीनियर खिलाड़ियों को निकालना था।" मालूम हो कि आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान चैपल 2007 से 2009 तक भारतीय टीम के कोच रहे थे।