नई दिल्ली। भारतीय महिला क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रमेश पोवार को अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में वो शुरुआत नहीं मिल सकी जिसकी उन्हें उम्मीद थी। इंग्लैंड दौरे पर सभी प्रारूप की सीरीज खेलने पहुंची भारतीय महिला टीम को हार का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बावजूद भारतीय टीम कई सकारात्मक पहलू के साथ वापसी कर सकी है। भारतीय महिला टीम को इस दौरे पर वनडे और टी20 सीरीज में 2-1 से हार का सामना करना पड़ा, जबकि टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने हार की कगार पर पहुंचने के बाद जबरदस्त वापसी की और मैच को ड्रॉ कराया।
भारतीय महिला टीम को इस सीरीज में सफलता नहीं मिली हो लेकिन जिन मैचों में उन्होंने जीत हासिल की उसमें अपनी टीम की ताकत की झलक दिखाई है। भारतीय टीम के हेड कोच रमेश पोवार ने टीम की कमजोरियों और ताकत के बारे में बात करते हुए बताया कि उन्होंने अगले साल खेले जाने वाले महिला विश्व कप को ध्यान में रखते हुए कई चीजों को लिस्ट कर लिया है और जिसे जीतने के लिये उसे इन कमजोरियों को दूर करना जरूरी है। रमेश पोवार ने कहा कि भारतीय महिला टीम ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेली गई द्विपक्षीय सीरीज की तुलना में काफी सुधार कर लिया है।
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एनडीटीवी स्पोर्टस से बात करते हुए पोवार ने कहा,'5 साल बाद भारतीय टीम में वापसी करने वाली स्नेह राणा का प्रदर्शन प्रेरणादायी रहा। इस सीरीज में कई सकारात्मक चीजें रही। हमारी फील्डिंग और बॉलिंग में साउथ अफ्रीका सीरीज के मुकाबले काफी सुधार हुआ है। हम टी20 और वनडे क्रिकेट में ज्यादा से ज्यादा रन बनाना चाह रहे हैं और इंग्लैंड जैसी टॉप टीम के खिलाफ 154 रन बनाना हमारे लिये अच्छा रहा।'
उल्लेखनीय है कि मिताली राज ने 3 वनडे मैच में लगातार 3 अर्धशतक लगाये तो झूलन गोस्वामी ने अपनी शानदार गेंदबाजी से इंग्लिश टीम को परेशान किया। हालांकि इस जोड़ी को भारतीय टीम के अन्य खिलाड़ियों से वो समर्थन नहीं मिल सका जिसकी टीम को दरकार थी और जीत मिल सकती थी। पोवार का मानना है कि टीम के बाकी खिलाड़ियों को भी आगे बढ़कर जिम्मेदारी लेने की जरूरत है ताकि बोझ को कम किया जा सके।
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उन्होंने कहा,'हमें निडर होकर खेलने की जरूरत है, मैं टीम को पहली सीरीज में ऐसा करने के लिये मजबूर नहीं कर सकता। वो अभी तक एक आइडियोलजी के साथ खेल रहे थे और आप तुरंत उसमें ऐसे बदलाव नहीं ला सकते। हमें उन परिस्थितियों के बारे में सोचना होगा जो कि उन्हें बेहतर तरीके से सूट कर सके। मौजूदा समय में वो जिस धीमी गति से मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते हैं उसमें बदलाव करने के लिये हमें उन्हें मनाना होगा। ऐसा करने के लिये हमें बात करने की जरूरत है ताकि मौजूदा समय में वो निडर होकर खेल सकें।'