नई दिल्ली। इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने लंबी बैठक के बाद खिलाड़ियों को दिये जाने वाले मौजूदा क्रिकेट कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम को रद्द करने का फैसला लिया है, जिसके तहत खिलाड़ियों को निजी तौर पर टेस्ट क्रिकेट और सीमित ओवर्स की सीरीज का निजी करार दिया जाता है। मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम इंग्लैंड की मौजूदा चयन समिति और टीम मैनेजमेंट के लिये मुश्किल का सबब बन गई थी क्योंकि वो कप्तानों को उनकी मनचाही टीम नहीं दे पा रहे थे। इसको लेकर काफी दिनों से चर्चा चल रही थी और वो इसके लिये एक स्थायी समाधान ढूंढने की कोशिश कर रही थी।
वहीं अब नया कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम लागू किये जाने के बाद खिलाड़ियों को मौका मिलेगा कि वही एक ही क्लॉज में खिलाड़ियों को सभी प्रारूप में खेलने का मौका दे सके।
स्पोर्टसमेल की रिपोर्ट के अनुसार नये कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम के तहत ईसीबी 25 खिलाड़ियों को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट देगी जिसमें 25 युवा खिलाड़ियों को नया विकसित किया जा रहा करार दिया जायेगा। उल्लेखनीय है कि पिछले साल ईसीबी ने 12 खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट और सीमित ओवर्स प्रारूप का करार दिया था। जबकि 4 युवा खिलाड़ी जैक लीच, डॉम बेस, डेविड मलान और क्रिस जॉर्डन को 2020-21 का नया करार दिया गया था।
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टेस्ट क्रिकेट के लिये जेम्स एंडरसन, डॉम सिब्ले, स्टुअर्ट ब्रॉड, ऑली पोप, जैक क्राउली और सैम कर्रन को टेस्ट क्रिकेट का करार दिया गया था जबकि जो रूट, क्रिस वोक्स, बेन स्टोक्स, जोस बटलर और जोफ्रा आर्चर को टेस्ट और सीमित ओवर्स क्रिकेट का करार दिया गया था। इनके अलावा कुछ खिलाड़ियों जेसन रॉय, मार्क वुड, आदिल राशिद, मोइन अली, इयोन मोर्गन, टॉम कर्रन और जॉनी बेयरस्टो को सीमित ओवर्स का एक्सक्लूसिव करार दिया गया था।
इंग्लैंड क्रिकेट टीम के हेड कोच क्रिस सिल्वरवुड ने मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम पर अपनी नाराजगी जताई थी और ईसीबी की ओर से पेश किये गये नये करार सिस्टम पर खुशी जताई है। ईसीबी की ओर से टेस्ट खिलाड़ियों की £6,50,000 बड़ी रकम दी जाती थी जबकि सीमित ओवर्स प्रारूप के लिये खिलाड़ियों को £2,50,000 की ही रकम मिलती थी।
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गौरतलब है कि इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड की ओर से लागू किया गया मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम 2016 से लागू किया गया था ताकि सीमित ओवर्स खेलों को प्राथमिकता दी जा सके। आपको बता दें कि नये कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम को लेकर 2019 में बातचीत शुरू की गई थी लेकिन 2020 में फैली कोरोना महामारी के चलते इसे होल्ड पर डाल दिया गया। ईसीबी के इस फैसले के बाद हेड कोच क्रिस सिल्वरवुड ने सबसे ज्यादा खुशी जताई है क्योंकि इस सिस्टम के चलते वह टेस्ट टीम में कुछ सीमित ओवर्स के खिलाड़ियों को शामिल नहीं कर पाते थे। अब नये करार के चलते यह दिक्कत खत्म हो जायेगी।