केकेआर से बड़ी चोकर है सीएसके
सीएसके की जीत पर जहां दुनिया भर के पूर्व क्रिकेटर्स और फैन्स ने सोशल मीडिया पर बधाई दी है तो वहीं पर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने मैच के दौरान दोनों टीमों के प्रदर्शन को लेकर बात की और कहा कि सीएसके की टीम केकेआर से बड़ी चोकर है। गौतम गंभीर ने यह बात धोनी की टीम के सबसे ज्यादा बार फाइनल में पहुंचने को लेकर कही। गंभीर का मानना है कि धोनी की टीम ने इस फाइनल से पहले 8 बार आईपीएल का फाइनल खेला जिसमें से सिर्फ 3 बार ही खिताब हासिल कर सकी, जबकि केकेआर ने 2 फाइनल खेले और दोनों में जीत हासिल की, जिसका मतलब है कि सीएसके की टीम केकेआर से बड़ी चोकर्स है।
ईएसपीएन क्रिकइंफो से बात करते हुए गंभीर ने कहा,'अगर आप इतना ज्यादा आंकड़ों पर आधारित होते हैं तो मैं आपको अपनी टीम के बारे में यह बताने जा रहा हूं। वो (सीएसके) हमारी (केकेआर) तुलना में ज्यादा बड़े चोकर्स है, क्योंकि अगर आप उनके रिकॉर्ड पर नजर डालते हैं तो हमारे रिकॉर्ड पर भी बात करें। उन्होंने अब तक 8 बार फाइनल खेला है और उसमें से सिर्फ 3 में ही जीत हासिल की है।'
सीएसके की तुलना में हमारा रिकॉर्ड बेहतर
गौतम गंभीर ने आगे बात करते हुए कहा कि इस मैच के दौरान अगर मैं केकेआर के डग आउट में होता तो यही कहता कि उनका जीत प्रतिशत हमारी तुलना में कुछ भी नहीं है। हमने अब तक दो फाइनल खेले हैं और दोनों बार खिताब जीता है। दबाव में सीएसके की टीम हमसे ज्यादा बार बिखरी है तो हमें उनसे डरना नहीं चाहिये।
उन्होंने आगे बात करते हुए कहा,'यह सच है कि आपके पास बड़े मैचों में खेलने का अनुभव होना चाहिये लेकिन मुझे नहीं लगता कि इस पर अभी सोचना चाहिये। केकेआर का कोई भी खिलाड़ी इस बारे में नहीं सोच रहा होगा बल्कि उसका ध्यान जीत की लाइन पार करने पर होगा। वो बस मैदान पर उतरकर अपना 100 प्रतिशत देते नजर आयेंगे।'
मोर्गन की वजह से हारी टीम
गौरतलब है कि गौतम गंभीर ने यह बयान तब दिया था जब चेन्नई सुपर किंग्स की टीम पहले बल्लेबाजी कर चुकी थी और कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम रनों का पीछा करने की ओर देख रही थी। हालांकि अच्छी शुरुआत के बाद भी केकेआर की टीम खिताब अपने नाम नहीं कर सकी। मैच के बाद गौतम गंभीर ने हार का ठीकरा कप्तान इयोन मोर्गन पर फोड़ा।
उन्होंने कहा,'मैच का नतीजा हमारे पक्ष में नहीं गया जिसकी हमें उम्मीद थी लेकिन केकेआर की टीम के लिये उसके कप्तान इयोन मोर्गन ने कुछ खास योगदान नहीं दिया जिसके चलते जब टीम को संभालने की जरूरत थी वो अपना रोल नहीं निभा सके। इतने बड़े मैच में आंद्रे रसेल को न खिलाने का फैसला उन पर भारी पड़ा।'