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क्रिकेट नहीं आर्मी था गौतम गंभीर का पहला प्यार, खुद बताई 6 अनसुनी कहानियां

गौतम गंभीर एक ऐसे ही हीरो हैं जिनकी सफलता और उपलब्धियों की कहानी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट की तरह लगती है। क्रिकेट का एक ऐसा सितारा जो अपने उपनाम गंभीर को चरितार्थ करते हुए दो ऐसे मुकाम हासिल किए

नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट के 85 सालों के इतिहास में बहुत कम ऐसे खिलाड़ी टीम इंडिया में शामिल हुए जिन्होंने बड़ी ही खामोशी से क्रिकेट इतिहास के पन्नों में जीवन की दो ऐसी पारी खेली जिसने इस देश को दो विश्व कप में चैंपियन बना दिया लेकिन उस खिलाड़ी को न तो इस उपलब्धि के लिए बहुत अधिक क्रेडिट मिला और न ही उनकी उपलब्धियों को उस तरह सराहा गया जिसके वो उचित हकदार थे। क्रिकेट में खिलाड़ी कई आते हैं वह इस गेम को खेलते हैं और रिटायर हो जाते हैं, उन्हें एक खिलाड़ी के तौर पर हमेशा याद किया जाता है लेकिन कुछ खिलाड़ी क्रिकेट में ऐसी पारियां खेलते हैं जिसकी बदौलत क्रिकेट इतिहास के पन्नों में उनके लिए जगह अपने आप बन जाती है। वो इस गेम के HERO बन जाते हैं।

किसी स्क्रिप्ट जैसी है गंभीर की कहानी

किसी स्क्रिप्ट जैसी है गंभीर की कहानी

भारतीय टीम के लिए गौतम गंभीर एक ऐसे ही हीरो हैं जिनकी सफलता और उपलब्धियों की कहानी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट की तरह लगती है। क्रिकेट का एक ऐसा सितारा जो अपने उपनाम गंभीर को चरितार्थ करते हुए दो ऐसे मुकाम हासिल किए जिसके लिए क्रिकेट खिलाड़ी जीवन भर सिर्फ सपने देखते हैं। टीम इंडिया के लिए 15 साल तक क्रिकेट खेलने वाले बाएं हाथ के इस नायाब बल्लेबाज ने जब मंगलवार शाम को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के एक शानदार करियर के बाद अलविदा कहा तो ऐसा लगा मानो इस खेल के 'पिकासो' की कहानी के कुछ किस्से ऐसे भी हैं जो दुनिया को नहीं पता हैं। दुनिया में अपने शानदार कवर ड्राइव के लिए विख्यात इस खिलाड़ी के जीवन के कुछ ऐसे अनछुए पहलू को जानिए जो अब तक कम कही और सुनी गई हैं।

दो बड़े मैच में 2 बड़ी पारियां

दो बड़े मैच में 2 बड़ी पारियां

भारतीय टीम के लिए दो विश्व कप का खिताब और दोनों मैचों में सर्वाधिक रन (टी-20 वर्ल्ड कप 2007 में 75 रनों की पारी और विश्व कप 2011 में 97 रनों की पारी) बनाने वाले इस खिलाड़ी ने खामोशी से वो सब कुछ हासिल किया जिसे वो अपने जीवन के सबसे सुनहरे पलों में से एक मानते हैं लेकिन भारतीय टीम के इस दिग्ग्गज खिलाड़ी को न वो प्रशंसा मिली और न ही उतनी तवज्जो जिसके वो सही मायने में हकदार थे। यहाँ तक कि भारतीय क्रिकेट में अब तो यह प्रचलन भी आम हो गया है कि ऐसे महान खिलाड़ी भी ट्वीट या VIDEO के जरिए अपने संन्यास की घोषणा करते हैं। जानिए ऑफ साइड के बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक और स्पिन के सबसे बढ़िया बल्लेबाज कहे जाने वाले इस खिलाड़ी की कुछ अनसुनी कहानियां। दोनों मुकाबलों में यह किसी भी भारतीय खिलाड़ी का बनाया सबसे बड़ा स्कोर था।

कोटला नहीं यह मैदान है फेवरेट

कोटला नहीं यह मैदान है फेवरेट

गौतम गंभीर वैसे तो देखने में गंभीर लगते हैं लेकिन उन्होंने हाल में दिए एक साक्षात्कार में यह कबूला कि 'आज भी उनमें बचपना शामिल है और मौका मिलने पर बच्चे बन जाते हैं। साल 2003 में बांग्लादेश के खिलाफ ढाका में ODI डेब्यू करने वाले गंभीर का फेवरेट क्रिकेट मैदान दिल्ली का रोशनआरा क्रिकेट क्लब है जहां उन्हें क्रिकेट खेलना काफी पसंद है। उन्होंने खुद बताया कि दिल्ली की भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच भी इस मैदान पर आपको शांति मिलती है, उन्होंने कहा मुझे यहां आना बहुत अच्छा लगता है। आप यहां आओ, दुनिया की हर चीज से दूर रहकर आराम से प्रैक्टिस करो आपको यहां बहुत मजा आएगा। आपको बता दें यह वही मैदान है जहां भारत और इंग्लैंड के बीच भारतीय सरजमीं पर पहला टेस्ट मैच हुआ था। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भले ही गंभीर को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान से पहचान मिली हो लेकिन इस मैदान को वो अपना फेवरेट ग्राउंड बताते हैं।

क्रिकेटर नहीं आर्मी में जाना चाहते थे गंभीर

क्रिकेटर नहीं आर्मी में जाना चाहते थे गंभीर

गौतम गंभीर बचपन में क्रिकेट के अलावा फुटबॉल, कबड्डी, लंगड़ी-टांग और भी कई गेम खेलते थे। उन्होंने बताया कि क्रिकेट के अलावा इन खेलों के खेलने से उन्हें इस खेल में सबसे अधिक स्टेमिना मिला। गंभीर भारतीय सेना का काफी सम्मान करते हैं और इसकी वजह का खुलासा करते हुए उन्होंने खुद एक दिलचस्प किस्सा बताया। उन्होंने कहा कि "मैं बचपन से ही आर्मी में जाने का शौकीन था,मेरे दिमाग में यह बिल्कुल साफ था कि 12वीं पास करने के बाद मैं NDA (नेशनल डिफेंस एकेडमी) ज्वाइन करूंगा उसके बाद IMA और फिर आर्मी में शामिल हो जाऊंगा लेकिन तभी मैं ने रणजी ट्रॉफी भी खेलना शुरू कर दिया था, मेरे पास दो रास्ते थे या तो मैं आर्मी ज्वाइन करूँ या फिर क्रिकेट खेलूं। तब मां और बांकी लोगों ने सुझाव दिया कि तुम अब रणजी खेल रहे हो और टीम इंडिया में शामिल होने से महज एक कदम दूर हो, उस समय इंडिया A नहीं होते थे तो रणजी खेलने के बाद आप सीधे टीम इंडिया में चुने जाते थे, उन्होंने कहा कि मैं उस समय रणजी में अच्छे स्कोर करने लगा था तभी मुझे क्रिकेट में आने का फैसला लेना पड़ा लेकिन मेरे लिए मेरा पहला प्यार क्रिकेट नहीं बल्कि डिफेंस था और आज भी है और मैं चाहता हूं किसी भी रूप में उनसे जुड़ा रहूं" गंभीर ने सुकमा हमले के 25 शहीद जवानों के परिवार और उनके बच्चों की शिक्षा और सभी सुखसुविधाओं की जिम्मेदारी उठा हुई है और वो हर तरह से इन परिवारों की मदद के लिए कटिबद्ध हैं।

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क्या है फेवरेट फूड

क्या है फेवरेट फूड

एक क्रिकेट खिलाड़ी को सफल जीवन जीने के लिए प्रोफेशनल लाइफ में काफी चीजों का त्याग करना पड़ता है इनमें से ही एक है उनका डाइट। क्रिकेट के बदलते प्रारूप में खिलाड़ी खुद को फिट और कामयाब बनाने के लिए डाइट चार्ट को फॉलो करते हैं। बतौर क्रिकेटर गंभीर भी अपने जीवन में काफी अनुशासित रहे हैं लेकिन आईपीएल खत्म होने के बाद जून के महीने को वो चीट-मंथ कहते हैं और उन्होंने कहा कि जिसके दौरान वो एक आम दिल्ली के लड़के की तरह खाना पसंद करते हैं। गंभीर ने बताया कि छोले-भटूरे,आलू-पूड़ी, पापड़ी, गोलगप्पे, मटन रोगनजोश, बटर चिकेन उनके पसंदीदा खाने में शामिल है।

16 घंटे की मैराथन पारी

16 घंटे की मैराथन पारी

गंभीर क्रिकेट के एक ऐसे हीरो हैं जिनके नाम भारतीय क्रिकेट के स्वर्णिम इतिहास की दो सबसे अहम पारी है लेकिन वो इसके अलावा एक तीसरी पारी को अपने जीवन की सबसे शानदार पारी और दिल के बेहद करीब मानते हैं। उन्होंने एक साक्षत्कार में बताया कि एक ट्रेडिशनल बल्लेबाज होने के नाते टेस्ट क्रिकेट आज भी उनके दिल के सबसे करीब है और उन्होंने अपनी सबसे शानदार पारी तब खेली जब दूसरे छोड़ पर राहुल द्रविड़ उनके साथ थे। उन्होंने बताया कि द्रविड़ मुझे हमेशा उस पारी में शांत रहने की सलाह देते रहे और धैर्य से खेलने को कहा। यह कोई और नहीं बल्कि साल 2009 में नेपियर टेस्ट में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई पारी थी जिसमें गंभीर ने कुल 16 घंटे मैदान पर बल्लेबाजी की थी। उन्होंने दूसरी पारी में 643 मिनट की मैराथन पारी खेली थी और 436 गेंदों में 137 रनों की पारी खेली जिसके बाद मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ था। टीम इंडिया के लिए कुल 242 मैच (ODI,टेस्ट और टी-20) खेलने वाले गंभीर ने कुल 10,324 रन बनाए हैं लेकिन उन्हें अपनी यह पारी सबसे प्रिय है।

जब गंभीर ने कोहली को दिया अवार्ड

जब गंभीर ने कोहली को दिया अवार्ड

गौतम गंभीर के लिए ईडन गार्डन्स उनके दूसरे होम ग्राउंड की तरह है। इस मैदान से उनकी कई सुनहरी यादें जुड़ी हुई हैं। साल 2009 में इस मैदान पर कुछ ऐसा हुआ था जो क्रिकेट इतिहास में बहुत कम देखने को मिलता है। हाल के दिनों में भले ही गौतम गंभीर और उनके 'अड़ियल' रवैए को लेकर सवाल उठते रहे हों लेकिन खुद गंभीर की मानें तो "क्रिकेट के मैदान पर क्या होता है वो उसे कभी निजी जिंदगी या रिश्तों में शामिल नहीं होने देते हैं, आईपीएल में विराट से भी उनकी तीखी नोंक-झोंक ने काफी सुर्खियां बटोरी थी लेकिन एक मैच ऐसा भी था जब गंभीर ने अपना मैन ऑफ द मैच अवार्ड विराट कोहली को दिया था। यह मैच कई मायनों में खास था लेकिन इसे और भी अधिक खास गंभीर ने तब बनाया जब विराट के ODI करियर के पहले शतक के लिए उन्होंने अपना मैन ऑफ द मैच (MOM) इस खिलाड़ी को दे दिया था। श्रीलंका ने इस दिन-रात के मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 315 रन बनाए थे वहीं टीम इंडिया ने यह मैच 7 विकेट से जीत लिया था। गंभीर को 150 रनों की धुंआधार पारी के MOM से नवाजा गया लेकिन तभी उन्होंने कुछ ऐसा किया जिससे कमेंट्री कर रहे रवि शास्त्री भी थोड़े अचंभे रह गए और उन्होंने विराट को ODI में पहले शतक के लिए अपना अवार्ड सौंप दिया। क्रिकेट मैदान पर ऐसा वाकया बहुत कम देखने को मिलता है। कोहली ने इस मैच में 114 गेंदों में 107 रन बनाए थे और गंभीर के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए तीसरे विकेट के लिए 224 रनों की साझेदारी की थी।

चाय नहीं पीते हैं गंभीर

चाय नहीं पीते हैं गंभीर

गौतम गंभीर के हिसाब से टीम इंडिया में हरभजन सिंह सबसे ज्यादा मस्ती करने वाले खिलाड़ियों में सबसे आगे रहते थे, उन्होंने बताया कि वो युवराज से भी कहीं आगे थे। भज्जी के बारे में बात करते हुए गंभीर ने बताया कि जब आप उनके साथ ड्रेसिंग रूम में होते हैं तो फिर आप कभी बोर नहीं हो सकते हैं। वो एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो आपको हमेशा खुश रखता है वो एक रॉकस्टार है। अपने बारे में कई खुलासे के दौरान गंभीर ने यह भी बताया कि अमित मिश्रा टीम इंडिया में सबसे अधिक चाय पीने वाले खिलाड़ियों में से एक हैं और खुद गंभीर को चाय तक भी बनाने नहीं आती है। वो चाय पीते भी नहीं हैं। एक बार जब उनकी पत्नी नताशा घर में नहीं थी और उन्हें आधी रात को भूख लग गई तो उन्होंने फोन कर पूछा था कि अपने घर में चम्मच या फॉर्क कहां रखा है। महाराजाओं जैसे ठाठ से जीवन जीने वाले गंभीर को निजी जीवन में किचन से पहली बार उसी रात पाला पड़ा था।

हर उपलब्धि की हासिल

हर उपलब्धि की हासिल

दो विश्व कप विजेता टीम में शानदार पारी खेलने वाले,आईपीएल में अपनी टीम को दो बार विजेता बनाने वाले गंभीर के नाम क्रिकेट जगत की वो उपलब्धि शामिल है जिसे वो जीवन पर्यन्त याद करते हुए एक शानदार जीवन जी सकेंगे। टीम इंडिया के इस शानदार खिलाड़ी को आप भी रिटायर्ड लाइफ की शुभकामनाएं दीजिए।

गौतम गंभीर के संन्यास के बाद शाहरुख खान ने दी ये सलाह

Story first published: Wednesday, December 5, 2018, 13:28 [IST]
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