लगा पहला ओवर ही बनेगा आखिरी
मशहूर क्रिकेट कॉमेंटेटर हर्षा भोगले से क्रिकबज के वीडियोकास्ट में बात करते हुए हार्दिक पांड्या ने अपने करियर के शुरुआती दिनों का किस्सा शेयर किया और बताया कि कैसे धोनी के चलते उनका करियर खत्म होने से बचा।
उन्होंने कहा,' साल 2016 में मैंने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत एडिलेड के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ की थी, जहां पर मेरी गेंदबाजी का पहला ओवर ही बेहद खराब गया था, एक बार को तो लगा शायद मेरा पहला मैच ही आखिरी होने वाला है।'
धोनी की जगह कोई और होता तो कर देता बाहर
उल्लेखनीय है कि बड़ौदा की तरफ से खेलने वाले हार्दिक पांड्या का पहला ओवर किसी बुरे सपने की तरह रहा। अपने डेब्यू मैच की पहली 3 गेंदे हार्दिक पांड्या ने वाइड फेंकी और ऐसा लगा जैसे कि उन्हें गेंदबाजी आती ही न हो और फिर भी डालने को कहा गया है। इसके बाद हार्दिक के ओवर में चौके और छक्के भी लगे, जिसके चलते उन्होंने अपने पहले ही ओवर में 19 रन लुटा दिये।
इस बारे में बात करते हुए पांड्या ने कहा,' पहले ओवर के बाद मुझे लगा कि मेरा करियर खत्म हो गया है। तभी मेरे पास महेंद्र सिंह धोनी आये और मेरा साथ दिया। उन्होंने मेरे प्रदर्शन को लेकर एक शब्द नहीं कहा, उनकी जगह अगर कोई दूसरा कप्तान होता तो मेरी आलोचना कर रहा होता, लेकिन उन्होंने मुझ पर भरोसा दिखाया और फिर से गेंदबाजी दी।'
धोनी ने काफी कुछ सिखाया
गौरतलब है कि हार्दिक पांड्या ने इसके बाद मैच में वापसी की और अपनी गेंदबाजी में 37 रन 2 विेकेट हासिल किये। हार्दिक पांड्या ने इस दौरान यह भी कहा कि उन्हें खुशी है कि वह जिन खिलाड़ियों को खेलते देखकर बड़े हुए अंत में उन्ही के साथ खेलने का मौका मिला।
उन्होंने कहा,' उस मैच में धोनी ने मेरे प्रदर्शन को लेकर एक शब्द नहीं कहा था, वह चाहते थे कि मैं अपने अनुभव से सीखूं। उनकी यह बात मुझे काफी अच्छी लगी और मैंने उससे काफी कुछ सीखा और शायद यही वजह है कि मैं आज भारत के लिए खेल रहा हूं।'