नई दिल्ली। खेल एवं युवा मंत्रालय ने हाल ही में खेलों के सबसे बड़े पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड के राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिये अलग-अलग खेलों के महासंघ या बोर्ड से नामों की लिस्ट मांगी थी। इसको देखते हुए भारतीय कुश्ती संघ, बीसीसीआई समेत अलग-अलग खेलों के महासंघ ने अपनी-अपनी लिस्ट जमा करा दी है। हालांकि इस बीच यह भी देखने को मिला कि कई खिलाड़ियों और उससे संबंधित संघ के बीच नाम नहीं भेजे जाने के चलते विवाद हो गया। इसमें भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणॉय का नाम भी शामिल है जिसमें लगातार दूसरे साल उनका नाम अर्जुन अवॉर्ड के लिये नहीं दिये जाने को लेकर वो नाराज हैं।
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देश में फैली महामारी के चलते होने वाली कठिनाई और लॉकडाउन का ध्यान रखते हुए खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए आवेदन जमा करने की तारीख को 22 जून तक के लिये बढ़ा दिया है। इतना ही खेल मंत्रालय ने खिलाड़ियों और संघ के बीच होने वाले विवाद को कम करने के लिये साथ ही प्रस्तावक मिलने में होने वाली कठिनाइयों का ध्यान रखते हुए राष्ट्रीय पुरस्कार के लिये खिलाड़ियों को खुद के नामांकन की अनुमति दे दी है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय पुरस्कारों के नामांकन प्रक्रिया को पूरा करने के लिये पहले 3 जून (बुधवार) आखिरी तारीख थी लेकिन अब खेल मंत्रालय ने इसकी समय सीमा को बढ़ा दिया है, साथ ही इसकी प्रक्रिया को भी आसान बनाया गया है।
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मंत्रालय ने इस बारे में एक सर्कुलर जारी कर कहा, 'हमने पुरस्कार योजना में अधिकारियों या व्यक्तियों की अनुशंसा पर भेजे गए आवेदन ही जमा करने का नियम खत्म कर दिया है। फॉर्म में इस हिस्से को खाली छोड़ा जा सकता है।'
गौरतलब है कि खेल मंत्रालय ने देश भर में फैली महामारी को देखते हुए इस साल सिर्फ ईमेल से आवेदन मंगवाए थे। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय खेल पुरस्कार के आवेदन नियमों के तहत केवल वो ही खिलाड़ी इस पुरस्कार के लिये आवेदन कर सकते हैं जिनके लिए राष्ट्रीय महासंघ, खेल बोर्ड या पूर्व पुरस्कार विजेताओं ने मान्यता या प्रस्ताव दिया हो। ऐसे में खेल मंत्रालय ने इस नियम में ढील देते हुए खिलाड़ियों को खुद का नाम भेजने की आजादी दे दी है।
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खेल मंत्रालय की ओर से दी गई इस रियायत के बाद अब वो खिलाड़ी भी आवेदन कर सकेंगे जिनके नाम राष्ट्रीय खेल महासंघ ने नहीं भेजे हैं और उन्हें पूर्व विजेताओं से समर्थन भी हासिल नहीं है। आपको बता दें कि हर साल हॉकी के जादूगर खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन (29 अगस्त) पर राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है और इसी अवसर पर ये पुरस्कार दिए जाते हैं।