धोनी के मुरीद हुए सचिन
सचिन तेंदुलकर ने एक अंग्रेजी वेबसाइट को दिए साक्षात्कार में भारतीय टीम की हार के बाद धोनी के बारे में बोलते हुए कहा कि "धोनी को अपनी शर्तों पर संन्यास लेने की छूट मिलनी चाहिए। यह उनका निजी फैसला है। हर शख्स को भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान का सम्मान करना चाहिए और अटकलें नहीं लगानी चाहिए कि आखिर वो कब संन्यास ले रहे हैं। भारतीय क्रिकेट को इतने अहम योगदान देने वाले शख्स को यह फैसला खुद लेने के लिए छोड़ देना चाहिए।" विश्व कप के पहले इस बात की चर्चा थी कि धोनी शायद विश्व कप के बाद संन्यास ले सकते हैं।
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'ऐसा करियर शायद ही किसी को मिलेगा'
सचिन ने धोनी की तारीफ करते हुए कहा कि "शायद ही किसी विकेटकीपर का इतना सफल करियर रहा है जितना माही का। भारतीय फैंस ने तब तक उम्मीदें नहीं छोड़ी होंगी जब तक धोनी पिच पर मौजूद थे। मुझे नहीं लगता बहुत सारे खिलाड़ियों को ऐसा करियर मिलता है जैसा स्पेशल करियर धोनी को मिला है। लोगों को आज भी इस बात का विश्वास है कि वो मैच में वह रहे तो कभी भी गेम फिनिश कर सकते हैं। यह गेम तब तक खत्म नहीं हुआ था जब तक माही वहां मौजूद थे।"
चार साल में तीन बड़ी हार
धोनी ने टीम इंडिया के खस्ता हालात के बाद शानदार पारी खेली। उन्होंने जडेजा के साथ 7वें विकेट के लिए 106 रनों की साझेदारी की वहीं जडेजा ने भी अपने ODI करियर की बेस्ट पारी खेली। 92 रन पर 6 विकेट गिरने के बाद धोनी ने इंडियन फैंस को यह उम्मीद जगा दी थी कि यह मैच जितवा सकते हैं। धोनी ने इस मैच में पचासा जड़ा लेकिन 2011 विश्व कप का करिश्मा नहीं कर पाए। टीम इंडिया सेमीफाइनल मुकाबला 18 रनों से हार गई। भारतीय टीम का पिछले 4 सालों में ICC टूर्नामेंट में यह तीसरी बड़ी बार है। 2015 विश्व कप, 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद यह हार विराट को परेशान कर सकती है।
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